राजस्थानः सीएम अशोक गहलोत ने कहा, ''हमारे यहां कोई गुटबाजी, झगड़ा नहीं''

राजस्थान में कांग्रेस (Congress) में कोई गुटबाजी या झगड़ा नहीं है बल्कि विपक्ष भाजपा (BJP) वाले इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
सीएम गहलोत ने कहा, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान में अच्छा काम कर रहा है.
जयपुर:

(Chief Minister Ashok Gehlot) ने गुरूवार को कहा कि राजस्थान में कांग्रेस (Congress) में कोई गुटबाजी या झगड़ा नहीं है बल्कि विपक्ष भाजपा (BJP) वाले इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर उनकी बात को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है जबकि उनका मकसद यह नहीं था. गहलोत द्वारा कभी बागी गुट का माने जाने वाले विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कांग्रेस एवं समर्थक 115 विधायकों से एक एक कर बात की थी और सभी ने उनसे कहा,‘‘काम के मामले में हमारी कोई शिकायत नहीं. जितने काम हमने कहे, हमारे सब काम हुए.''

राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस की धमक, दोनों सीटों पर दर्ज की जीत

उन्होंने कहा,‘‘कोई गुटबाजी नहीं राजस्थान में. आप खुद देखेंगे कि गुटबाजी की अफवाहें विपक्ष वाले फैला रहे हैं. गुटबाजी वहां पर हैं कि उनकी जमानते जब्त हो रही हैं कोई तीसरे कोई चौथे स्थान पर रह रहा है. झगड़ा उनके यहां है, हमारे यहां कोई झगड़ा नहीं है. हम सब एकजुट हैं.'' उल्लेखनीय है कि राज्य की दो सीटों पर हाल ही में हुए उपचुनाव में वल्लभनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार चौथे तो धरियावद सीट पर तीसरे स्थान पर रहे. दौसा में संवाददाताओं से बातचीत में इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर भ्रष्टाचार को लेकर उनकी टिप्पणी को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है. गहलोत के अनुसार उनका कहने का मकसद तो यही था कि शिक्षकों के तबादलों की कोई नीति बने ताकि उन्हें तबादलों के लिए किसी तरह की सिफारिश या रिश्वत देने की नौबत न आए.

मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ खाली अध्यापकों की बात नहीं थी. बात यह थी कि सब जगह, हर विभाग में भ्रष्टाचार होता ही होता है लेकिन सरकार की मंशा है कि उसे रोके कैसे.''गहलोत ने कहा,‘‘भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान में इतना अच्छा काम कर रहा है. मैं समझता हूं कि हिंदुस्तान में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग सबसे अच्छा काम राजस्थान में कर रहा है. जो पकड़े जा रहे हैं वे तो शिक्षा विभाग के हैं नहीं.''

Advertisement

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका कहने का मकसद यह था कि अध्यापकों के तबादलों की नीति बन जाए तो अध्यापकों को पता रहेगा कि उनका तबादला नंबर कब आएगा, ऐसे वह न वह पैसा देगा न ही भ्रष्टाचार होगा. गहलोत के अनुसार उनकी टिप्पणी को केवल शिक्षा विभाग से जोड़ा जा रहा है जबकि उनका मकसद यह नहीं था. दरअसल गहलोत ने मंगलवार को शिक्षकों से ही पूछ लिया कि क्या उन्हें तबादले के लिए पैसे देने पड़ते हैं. इस पर शिक्षक समूह से ''हां'' की आवाज आने पर गहलोत इसे दुखदायी बताया और कहा कि तबादलों की कोई नीति बन जाए तो न तो पैसे चलेंगे और न ही उन्हें इसके लिए किसी विधायक के पास अनुशंसा हेतु जाना पड़ेगा. मुख्य विपक्षी दल भाजपा इसको लेकर राज्य सरकार पर कटाक्ष कर रही है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने ट्वीट किया,‘‘मुख्यमंत्री के सामने शिक्षकों की “पैसे से तबादले होने की हाँ के बाद” एसीबी को तुरंत प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए;जांच करनी चाहिए.''' पूनियां ने कहा, ‘‘चूंकि यह सभी के सामने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुआ है, ऐसे में उन्हें विभाग में भ्रष्टाचार के जवाबदेह शिक्षा मंत्री से तुरंत इस्तीफा लेना चाहिए.''

Advertisement

राजस्थान में गहलोत सरकार सरकार में फेरबदल जल्द! पायलट समर्थकों को मिल सकती है जगह

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Sambhal Violence: जामा मस्जिद के सर्वे के बाद हिंसा के पीछे साज़िश या पुलिस की लापरवाही ज़िम्मेदार?
Topics mentioned in this article