पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन के बाद गौतम अदाणी ने बनाया प्रसाद, श्रद्धालुओं में किया वितरण

भगवान जगन्नाथ के दर्शन के बाद गौतम अदाणी पुरी इस्कॉन के उस किचन में पहुंचे, जहां पर श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद तैयार किया जा रहा था. इस रसोई में करीब 40 लाख श्रद्धालुओं के लिए भोजन बनाया जा रहा है.

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पुरी में गौतम अदाणी ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए. अपने हाथों से प्रसाद भी बांटा.
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  • गौतम अदाणी ने पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए.
  • उन्होंने रथ को प्रणाम कर आशीर्वाद लिया.
  • अदाणी परिवार ने इस्कॉन के किचन में महाप्रसाद सेवा की.
  • गौतम अदाणी की पत्नी ने प्रसाद के लिए पूड़ियां बनाईं और फ्रूट्स काटे.
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पुरी:

ओडिशा के पुरी पहुंचे अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अपनी पत्नी प्रीति अदाणी और बेटे करण अदाणी के साथ भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए. उन्होंने हाथ जोड़कर रथ को प्रणाम किया और रथ को छूकर ईश्वर का आशीर्वाद लिया. इसके बाद उन्होंने इस्कॉन के किचन में जाकर प्रसाद सेवा भी की. अदाणी ग्रुप के चेयरमैन की ईश्वर में आस्था का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि तेज बारिश के बीच वह परिवार के साथ भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए पहुंचे थे.

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प्रसाद सेवा में शामिल हुए गौतम अदाणी

भगवान जगन्नाथ के दर्शन के बाद गौतम अदाणी और उनकी पत्नी प्रीति अदाणी ने इस्कॉन के किचन में पहुंचकर श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद बनाया. बता दें कि इस रसोई में करीब 40 लाख श्रद्धालुओं के लिए भोजन बनाया जा रहा है. गौतम अदाणी ने श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण भी किया.

भक्तों के लिए बनाया महाप्रसाद

इस्कॉन के किचन में पहुंचकर गौतम अदाणी की पत्नी प्रीति अदाणी ने भी प्रसाद सेवा में हिस्सा लिया. उन्होंने भोजन के लिए पूड़ियां बनाईं. उन्होंने न सिर्फ प्रसाद की पूड़ियां बनाईं बल्कि जमीन पर बैठकर सब्जी और फ्रूट्स भी काटे. इसके साथ ही उन्होंने पूरी किचन का दौरा किया और भोजन बनाने का प्रोसेस देखा.

महाप्रसाद किचन का किया दौरा

इस्कॉन के किचन पंडाल में गौतम अदाणी ने भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की प्रतिमा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया और फिर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की आरती की. इसके बाद वह किचन की तरफ बढ़ गए. किचन में उन्होंने भोजन बनाने का प्रोसेस देखा.

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प्रभु जगन्नाथ जी से मैंने सबकुछ पाया

गौतम अदाणी ने कहा कि ये एक आध्यात्मिक क्षण नहीं, ये एक ऐसा क्षण है जब अहंकार की जगह नम्रता का भाव मिल रहा है. प्रभु के चरणों में आने का सौभाग्य मिला. प्रभु जगन्नाथ जी की कृपा से मैंने सबकुछ पाया है, मेरे पास कुछ नहीं था. भगवान की कृपा और लोगों के आशीर्वाद से मेरे पास सबकुछ है. मैंने भारत और ओडिशा के उत्थान के लिए भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की है. 

महाकुंभ में सेवा से जीवन में बदलाव आया

गौतम अदाणी ने कहा कि महाकुंभ में हमने पहली बार सेवा से साधना का एक प्रयास किया था. हमारे सहकर्मचारी और 5 हजार से ज्यादा लोगों ने उसमें भाग लिया. इस सेवा माध्यम से हमने देखा कि जीवन में भी काफी बदलाव आया है. इस जगन्नाथ पुरी की भव्य यात्रा में और आगे कैसे बढ़ सकें, इसका संकल्प लिया है. 

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उन्होंने आगे कहा कि मैंने यहां की व्यवस्थाएं देखीं, जिस तरह यहां रथ यात्रा का आयोजन किया गया है, वह बहुत अच्छा है. मैं सभी को अभिवादन देना चाहता हूं. यहां की व्यवस्था बहुत शानदार है. ओडिशा सरकार और पुरी प्रशासन ने बहुत अच्छे से काम किया है.

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