- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पूर्वोत्तर के लोगों के साथ नस्लीय भेदभाव और कटु अनुभवों पर गहरा दुख व्यक्त किया
- देहरादून में छात्र एंजेल चकमा की हत्या पर पुलिस और सरकार की कार्रवाई में देरी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए
- गोगोई ने गृह मंत्री से पूर्वोत्तर की सुरक्षा- सामाजिक स्थिति पर सभी राज्यों के डीजीपी से चर्चा करने की मांग की
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्वोत्तर के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव और नस्लीय टिप्पणियों पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने न केवल अपने साथ हुई एक घटना का जिक्र किया, बल्कि देहरादून में हुई एंजेल चकमा की दुखद हत्या को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन पर तीखे सवाल खड़े किए हैं. गौरव गोगोई ने बताया कि भेदभाव की यह समस्या कितनी गहरी है. उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, "आगरा में एक गार्ड ने मुझसे मेरा पासपोर्ट दिखाने को कहा. इस पीड़ा को केवल पूर्वोत्तर के लोग ही समझ सकते हैं. हमारे लुक के आधार पर हमें पराया समझा जाता है, जबकि हम गर्व से 'भारत माता की जय' बोलते हैं."
एंजेल चकमा हत्याकांड: इंसाफ में देरी पर उठाए सवाल
देहरादून में पूर्वोत्तर की छात्र एंजेल चकमा के साथ हुई बर्बरता पर गोगोई ने सरकार को घेरा. उन्होंने बताया कि कैसे अपनी पहचान की रक्षा करने पर एक मासूम की जान ले ली गई. एंजेल पर अपमानजनक टिप्पणी की गई, जिसका उसने हिम्मत से जवाब दिया— "मैं भारतीय हूं, चीनी नहीं." जब उसने आंख में आंख डालकर उत्तर दिया, तो पीछे से पांच लोगों ने उस पर हमला कर उसकी हत्या कर दी. परिवार का आरोप है कि FIR दर्ज करने में 12 दिन लग गए. छात्रों के भारी प्रदर्शन के बाद ही पुलिस जागी. इस मामले में दोषियों को सख्त सजा मिले और फरार मुख्य आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. साथ ही, FIR में देरी की भी जांच होनी चाहिए.
ये भी पढ़ें: त्रिपुरा छात्र हत्या केस; सीसीटीवी फुटेज आया सामने, शराब की दुकान पर दिखे आरोपी
गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार को घेरा
असम और पूर्वोत्तर के हालातों पर गौरव गोगोई ने गृह मंत्री अमित शाह को सीधे निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को सभी राज्यों के DGP के साथ बैठकर पूर्वोत्तर की सुरक्षा और सामाजिक स्थिति पर चर्चा करनी चाहिए. केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के दिलों में सुलग रही नाराजगी और अलगाव की भावना को समझने में विफल रही है.
घुसपैठ और नागरिकता पर गोगोई का पलटवार
बीजेपी के 'घुसपैठिया' दावों पर गोगोई ने कहा कि झारखंड और असम में केवल दुष्प्रचार किया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि असम में खुद बीजेपी के दो विधायकों की नागरिकता पर सवाल हैं, गृह मंत्री को पहले उस पर जवाब देना चाहिए.
ये भी पढ़ें: ‘मैं भारतीय हूं...' चीखता रहा त्रिपुरा का छात्र, नस्लीय हमले का हुआ शिकार
हमारी शिक्षा व्यवस्था में कमी है: गोगोई
गोगोई ने समाज की मानसिकता को बदलने के लिए शिक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठाए. उन्होंने पूछा, "क्या स्कूलों में पूर्वोत्तर के इतिहास और संस्कृति के बारे में पर्याप्त पढ़ाया जाता है? क्या हम देश की विविधता को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में कम पड़ रहे हैं? उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज में व्याप्त इस अमानवीय व्यवहार को बदलने के लिए सरकार को ठोस नीतिगत सोच की आवश्यकता है.













