कोरोना की संभावित तीसरी लहर (Covid-19 Third Wave) को लेकर एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) द्वारा दी गई चेतावनी का आज गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) पर कोई असर देखने को नहीं मिला. रोक के बावजूद हजारों की संख्या में लोगों ने गंगा स्नान किया. हापुड़ (Hapur) के गढ़मुक्तेश्वर (Garhmukteshwar) में गंगा घाट पर भारी संख्या में श्राद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. कोविड नियमों (Covid Rules) की धज्जियां उड़ाते हुए लोगों ने गंगा स्नान किया. गढ़मुक्तेश्वर ही नहीं वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, हरिद्वार और ऋषिकेश में भी लोगों ने गंगा स्नान किया. हालांकि मथुरा और प्रयागराज में स्नान पर रोक नहीं थी, लेकिन वहां ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिली.
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यहां गौर करने वाली बात यह है कि एक दिन पहले ही एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि देश में अगले 6 से 8 हफ्तों में कोरोना की संभावित लहर आ सकती है. कोविड-उपयुक्त व्यवहार (Covid-Appropriate Behavior) को लेकर भी उन्होंने कहा था कि पहली और दूसरी लहर के बीच जो हुआ.. उससे हमने सीखा नहीं. फिर से भीड़ बढ़ रही है ... लोग भारी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं. ऐसा रहा तो राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के मामलों की संख्या बढ़ने में कुछ समय ही लगेगा.''
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डीएम के आदेश का कोई असर नहीं
हापुड़ के डीएम अनुज सिंह ने गढ़मुक्तेश्वर में स्नान पर रोक लगा रखी है. डी एम ने अनलॉकिंग गाइडलाइन्स का हवाला देते हुए अपने सर्कुलर में लिखा है कि चूंकि कोविड के खतरों के मद्देनजर किसी भी धार्मिक स्थान पर एक साथ सिर्फ पांच लोगों के ही इकट्ठा होने की इजाज़त है, लेकिन इस मौके पर गढ़मुकतेश्वर में लाखों की भीड़ होती है, इसलिए इस बार इस स्नान पर रोक रहेगी. लेकिन रोक के बावजूद इतनी भीड़ वहां पहुंची है.