Gantantra Ke Special 26: INS विक्रांत, जिसके सामने दुश्मनों के भी छूट जाते हैं पसीने

1997 में विक्रांत (INS Vikrant) की विदाई के बाद नया विक्रांत आया, जो पहले से ज़्यादा आधुनिक और ताक़तवर है. इसका वजन 43 हज़ार टन, लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 62 मीटर है. 

विज्ञापन
Read Time: 16 mins

gantantra ke special 26: INS विक्रांत की खूबियां.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

जब भी देश के विमानवाहक युद्धपोतों का ज़िक्र आता है, तो सबको आइएनएस विक्रांत (INS Vikrant) की याद आती है. वो विक्रांत तो अब विदा हो चुका है, लेकिन उसकी विरासत और याद नए विक्रांत में बची हुई है. ये भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत है. यानी ऐसा विशाल जहाज़, जिस पर युद्धक विमान उड़ान भर और उतर सकते हैं. इस युद्धपोत में फाइटर हेलीकॉप्टर और मिसाइलें भी हैं. इसको डिजाइन नौसेना के वारशिप डिज़ाइन ब्यूरो ने किया है और कोच्चि शिपयार्ड ने इसे बनाया है. खास बात ये है कि इसके 76 फ़ीसदी से ज़्यादा उपकरण स्वदेशी हैं, यानी कि देश में ही बने हैं.

ये भी पढ़ें-इस बार गणतंत्र दिवस की परेड महिला केंद्रित होगी, 100 महिला कलाकारों की प्रस्तुति से होगी शुरू

INS विक्रांत के आगे पाकिस्तान ने टेके थे घुटने

इस विमानवाहक युद्धपोत के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने खास तरह का स्टील भी बनाया है. बता दें कि भारत दुनिया के उन छह देशों में है, जहां ऐसे विराट जहाज बन सकते हैं. विक्रांत उस विक्रांत की याद दिलाता है, जिसने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को घुटने टेकने  पर मजबूर कर दिया था. उस समय अमेरिका का सातवां बेड़ा भी ये देखता रह गया था. 1997 में विक्रांत की विदाई के बाद नया विक्रांत आया, जो पहले से ज़्यादा आधुनिक और ताक़तवर है. इसका वजन 43 हज़ार टन, लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 62 मीटर है. 

जहाज़ मे 14 तल्ले, 2200 कंपार्टमेंट

आग लगने की हालत में हैंगर दो हिस्से में बंट सकता है,  ताकि आग पूरे हिस्से में न फैले. इस जहाज़ मे 14 तल्ले, 2200 कंपार्टमेंट है. इसमें 1600 से ज़्यादा अफ़सर और नौसैनिक रह सकते हैं. इसमें महिलाओं के लिये खास केबिन बनाए गए हैं. इसमें बिछे केबल की लंबाई 2400 किलोमीटर है, यानी कोच्चि से काशी की दूरी के बराबर है. खास बात यह है कि इस जहाज में एक 16 बेड वाला अस्पताल भी है. जहाज की रफ्तार 56 किलोमीटर प्रतिघंटा है, यह एक दिन में 500 किलोमीटर का सफर तय कर सकता है. एक साथ इसमें करीब 30 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर रह सकते हैं. मिग 29 k फाइटर से लेकर, कोमोव और रोमियो हेलीकॉप्टर तक रहने की क्षमता इस जहाज में है. 

Advertisement

INS विक्रांत AK 630 गन और चार 76 mm नेवल गन से लैस

विक्रांत में इजरायली एयर डिफेंस मिसाइल भी है. ये सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और बराक मिसाइल से लैस है. इसमें चार AK 630 गन और चार 76 एम एम नेवल गन भी हैं. आईएनएस विक्रांत का मोटो 'जयेम सम युधि स्पर्धा'- यानी अगर कोई मुझसे लड़ने आया तो मैं उसे परास्त करके रहूंगा है. विक्रात के भारतीय नौसेना में शामिल होने से  नौसेना की क्षमता कई गुना बढ़ गई है. इस पर तैनात फाइटर और हेलीकॉप्टर कई सौ मील तक समुद्र की निगरानी और सुरक्षा करते है. दुश्मन का कोई युद्धपोत या पनडुब्बी इसके आसपास फटकने की हिम्मत नहीं कर सकता.

Advertisement

ये भी पढ़ें-गणतंत्र दिवस तक दिल्ली एयरपोर्ट पर सुबह 10:20 से दोपहर 12:45 के बीच नहीं उड़ेंगे हवाई जहाज

Topics mentioned in this article