लोकसभा में अतीक अहमद को दी गई श्रद्धांजलि, जानें स्पीकर ओम बिरला ने क्या कहा?

श्रद्धांजलि देते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा, "अतीक अहमद उत्तर प्रदेश के फूलपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के सदस्य थे. अतीक अहमद का निधन 15 अप्रैल 2023 को 60 वर्ष की आयु में प्रयागराज में हुआ."

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अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
नई दिल्ली:

संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत गुरुवार से हो गई. परंपरा के तहत पहले दिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पूर्व सांसदों के निधन पर शोक व्यक्त किया. इस लिस्ट में दो मौजूदा और 11 पूर्व सांसद का नाम था. ओम बिरला ने यूपी के गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को भी श्रद्धांजलि दी. अतीक अहमद की प्रयागराज जिला अस्पताल के बाहर 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

श्रद्धांजलि देते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा, "अतीक अहमद उत्तर प्रदेश के फूलपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के सदस्य थे. साथ ही अतीक अहमद रेल संबंधी समिति के सदस्य रहे. इससे पहले वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य भी रहे. अतीक अहमद का निधन 15 अप्रैल 2023 को 60 वर्ष की आयु में प्रयागराज में हुआ."

इसके बाद ओम बिरला ने मौजूदा सांसद रतन लाल कटारिया और बालूभाऊ उर्फ सुरेश नारायण धानोरकर को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, रणजीत सिंह, सुजान सिंह बुंदेला, संदीपन थोराट, विश्वनाथ कनिथि, अतीक अहमद, त्रिलोचन कानूनगो, इलियास आजमी, अनादि चरण दास, निहाल सिंह और राज करण सिंह को भी श्रद्धांजलि दी गई. 

सभी श्रद्धांजलियां पढ़ने के बाद लोकसभा स्पीकर ने उनकी मौतों पर दुख व्यक्त किया. उनके परिवारों के प्रति सदन की ओर से संवेदना जाहिर किया. इसके बाद लोकसभा में मौजूद सभी सदस्य खड़े हो गए और कुछ पल का मौन रखा.

बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में प्रयागराज जेल में बंद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस 15 अप्रैल को  मेडिकल जांच के लिए प्रयागराज जिला अस्पताल लेकर जा रही थी. तभी खुद को पत्रकार बताने वाले तीन लोगों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. हत्यारों के पास फेक आईकार्ड और कैमरा था. पुलिस को दिए बयान में हत्यारों ने कहा कि वो अतीक अहमद को खत्म कर अंडरवर्ल्ड में मशहूर होना चाहते थे.

इससे पहले 13 अप्रैल को अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को पुलिस ने झांसी के पास एनकाउंटर में मार गिराया था. अतीक अहमद ने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उसने दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को वकील उमेश पाल की हत्या में झूठा फंसाया गया है. इसके साथ ही उसने जान का खतरा भी जताया था.

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गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के खिलाफ हत्या, अपहरण और जबरन वसूली सहित 90 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. उसपर 2018 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर से मारपीट का भी आरोप लगा था.

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