सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के आरोपों पर गैंगस्टर आनंद पाल सिंह की बेटी चीनू ने यह कहा

चीनू ने कहा, "सुखदेव जी काकुसा हमेशा से हमारे पारिवारिक सदस्य रहे हैं. सुखदेव काकुसा, वो शख्स हैं जो मेरे पिता की पुलिस द्वारा हत्या करने पर न्याय दिलाने के लिए सबसे आगे खड़े थे."

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नई दिल्ली:

राजस्थान में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद कई लोगों पर शक की सुई जा रही है. उनमें से एक नाम है राजस्थान के गैंगस्टर आनंद पाल सिंह का. उनकी बेटी चीनू का नाम भी इस हत्याकांड में सामने आया है. हालांकि, इस हत्याकांड में नाम सामने आने के बाद मीनू ने सफाई देने के लिए दुबई से एक video जारी किया है. इस video में उन्होंने कहा है कि सुखदेव सिंह की हत्या कराने के बारे में वो सोच भी नहीं सकती हैं. साथ ही उन्होंने कहा की मैं इस बात से हैरान हूं कि कुछ प्रशासनिक अधिकारी बिना जांच किए मेरा नाम इस मामले में जोड़ रहे हैं. मैं उनसे कहना चाहती हूं कि मामले की सही से जांच करें, राजनीति नहीं करें.

आनंद पाल सिंह राजस्थान का गैंगस्टर था. लूट, हत्या, गैंगवार के 24 मामलों में आरोपी था. उसके गैंग में सौ से ज्यादा बदमाश शामिल थे. बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर आनंद पाल सिंह इन तमाम कारनामों को अंजाम दिया करता था. आनंद पाल के परिवार में कुछ प्रोपर्टी को लेकर विवाद हुआ था. उस वक्त गोगामेड़ी ने आनंद पाल का साथ ना देकर उसके चचेरे भाई का साथ दिया था. इसी वजह से गोगामेड़ी की हत्या में आनंद पाल और उनकी बेटी का नाम आ रहा है. कहा जा रहा कि शायद रंजिश में आकर बदला लिया गया है. 

चीनू ने इन्हीं आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "सुखदेव जी काकुसा हमेशा से हमारे पारिवारिक सदस्य रहे हैं. परंतु कुछ दिनों से कुछ असामाजिक तत्वों, प्रशासन व मीडिया द्वारा भ्रांति फैलाई जा रही है कि मैं सुखदेव काकुसा की हत्या में लिप्त हूं. इसके लिए मैं सभी से ये कहना चाहूंगी कि सुखदेव काकुसा, वो शख्स हैं जो मेरे पिता की पुलिस द्वारा हत्या करने पर न्याय दिलाने के लिए सबसे आगे खड़े थे. मैं उनके बारे में ऐसा करने के लिए कभी सोच भी नहीं सकती. इसके लिए मैं यही कहना चाहूंगी कि इसमें मेरा कोई रोल नहीं है पर इसमें मैं एक बात से हैरान हूं कि कुछ प्रशासनिक अधिकारी जो मेरे पापा का नाम ले रहे हैं, वो भी बिना किसी जांच के, मेरा उनको यही कहना है कि सही जांच करें राजनीति नहीं. जिस तरह से मेरे पिता पर मुकदमे दर्ज करवाए गए थे राजनैतिक द्वेषता के चलते, उसी द्वेषता का शिकार मुझे बनाया जा रहा है. अंत में मैं यही कहना चाहूंगी कि सुखदेव काकुसा मेरे व मेरे परिवार के लिए हमेशा आदरणीय रहेंगे.

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