वाराणसी में अचानक गंगा (Ganga) का पानी हरा दिखाई दे रहा है, जिसके बाद प्रशासन ने जांच का आदेश दिया है. जांच अधिकारी 3 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे. जिलाधिकारी के आदेश पर बनारस के खिड़कियां घाट से लेकर मिर्जापुर तक गंगा नदी से जहां-जहां पानी हरा मिला, उसके सैंपल लिए गए हैं. जिला प्रशासन की ओर से ये कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि 20-22 दिनों से गंगा का पानी हरा हो गया है और उसमें काई यानी शैवाल पायी जाने लगी. ऐसा पहली बार हुआ है जब गंगा का पानी हरा हुआ है.
गंगा पर 3 दिन में जांच रिपोर्ट देने के आदेश
इससे जुड़ी खबर सबसे पहले 27 मई को एनडीटीवी ने दिखाई थी. उसके बाद कई समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर ये खबर छाने लगी. मामला सुर्खियों में आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने एक टीम गठित की जिसमें अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय) क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहायक पुलिस आयुक्त (दशाश्वमेघ), अधिशासी अभियन्ता बन्धी प्रखण्ड एवं महाप्रबन्धक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की पांच सदस्यी टीम गठित कर नाव के माध्यम से गंगा नदी की धारा में जाकर गंगा नदी में हरे शैवाल पाए जाने के संबंध में इसके उद्गम स्रोत तथा गंगा घाटों तक इनके पहुंचने के कारणों की जांच रिपोर्ट 3 दिन के अंदर जमा कराने को कहा गया है.
बीते दिनों गंगा में बह रहे थे शव
गौरतलब है कि बीते दिनों कोरोना में गंगा में बहते हुई शवों की वजह से तमाम पर्यावरणविद और समाचार माध्यमों में गंगा के पानी को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी और उसके बाद गंगा का पानी बनारस से लेकर बक्सर तक हरा हो गया. कई जगह उसमें काई पाई जाने लगी, जिससे यह लगने लगा कि गंगा नदी कहीं नाले में तो नहीं हो रही, क्योंकि हरा पानी और शैवाल ठहरे हुए पानी में ही नजर आते हैं. इससे साफ लगता है कि गंगा के पानी में प्रवाह खत्म हो गया है और उसमें गिरते सीवर कहीं इसकी वजह तो नहीं हैं. अब जांच के बाद क्या रिपोर्ट आती है, यह देखने वाली बात होगी.