कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने चुनाव में गुप्त मतदान कराने के पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के फैसले का स्वागत करते हुए बुधवार को कहा कि गांधी परिवार कांग्रेस के लिए बड़ी पूंजी है और कोई अध्यक्ष उनसे दूरी नहीं बना सकता. उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव साहस और आत्मविश्वास के साथ लड़ने के लिहाज से अध्यक्ष पद का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है.
थरूर ने यहां अपने चुनाव प्रचार के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री द्वारा घोषित चुनाव प्रणाली बहुत अच्छी है. उन्होंने गुप्त मतदान के बारे में बात की. मतदान गुप्त रूप से किया जाएगा और किसी को यह पता नहीं चलेगा कि किसने किसे वोट दिया. लोग अपनी इच्छा के अनुसार मतदान कर सकते हैं.''
थरूर ने कहा, ‘‘कोई व्यक्ति क्या पसंद करता है या नहीं, उसके आधार पर मतदान करना उसका अधिकार है. हमारी पार्टी ने मतदान प्रणाली के बारे में निर्णय की सार्वजनिक घोषणा कर अच्छा काम किया है. जो भी जीतेगा, वह कांग्रेस की जीत होगी. मैं इसलिए यह चुनाव लड़ रहा हूं.''
दरअसल, कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने बुधवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में गुप्त मतदान होगा और यह पता नहीं लगाया जा सकता कि किसने किसे वोट दिया तथा किस राज्य से किसी उम्मीदवार को कितने वोट मिले.
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव प्राधिकरण ने यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया है कि दोनों उम्मीदवारों के लिए समान अवसर हो.
कांग्रेस को गांधी परिवार द्वारा ‘रिमोट कंट्रोल' से चलाए जाने की आलोचनाओं के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा कि अगर वह और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे उस स्तर पर पहुंच गए हैं जहां वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का विश्वास रखते हैं तो वे यह भी जानते हैं कि पार्टी में कैसे काम किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘उसी समय, गांधी परिवार एक बड़ी पूंजी है और कोई भी अध्यक्ष उनसे दूरी नहीं बना सकता.''
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होना है और 19 अक्टूबर को मतगणना होगी. इसमें मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर उम्मीदवार हैं.
थरूर ने यह भी कहा कि उन्होंने उन मुद्दों से दूरी नहीं बनाई है जो कांग्रेस के 23 नेताओं के समूह (जी-23) के पत्र में उठाये गए थे.
गौरतलब है कि जी-23 के नेताओं ने अगस्त 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सांगठनिक ढांचे में बदलाव की और पार्टी में हर स्तर पर चुनाव की मांग की थी.
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