आंसू, गम, गुस्‍सा : करवा चौथ पर अधूरी वीडियो कॉल... गांदरबल में आतंक के दर्द की 4 कहानियां

जम्‍मू-कश्‍मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले के जख्‍म शायद ही कभी भर पाएं. इस हमले में जिन सात घरों को उजाड़ा है, वहां इस समय मातम पसरा हुआ है. इनके परिवारजनों की आंखों में आंसू हैं, तो मन में आतंकियों के प्रति गुस्‍सा.

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चांद दिखने पर किया वीडियो कॉल, लेकिन...
नई दिल्‍ली:

जम्‍मू-कश्‍मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले में कई घर उजड़ गए. इस हमले में 7 लोगों की मौत हो गई. इन सात घरों में इस समय मातम पसरा हुआ है. परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. किसी की आंखों में आंसू हैं, तो किसी की आंखों में आतंकियों के लिए गुस्‍सा. इन्‍हें जो घाव मिला है, वो कभी भर नहीं पाएगा. आतंकियों ने दिन भी करवा चौथ का चुना, जब सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. हमले में मारे गए शशि अबरोल की पत्‍नी रुचि ने चांद निकलने के बाद पति को वीडियो कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठा, सिर्फ घंटी बजती रही.

चांद दिखने पर किया वीडियो कॉल, लेकिन...दर्द की पहली कहानी

जम्‍मू के तालाब तिल्‍लो के रहने वाले शशि अबरोल की पत्‍नी रुचि ने करवाचौथ का व्रत रखा था. आर्किटेक्‍ट पति गांदरबल में एक प्रोजेक्‍ट साइट पर काम करने के लिए गए थे. उनका शाम को घर आ पाना संभव नहीं था. ऐसे में रुचि ने शाम को मंदिर में पूजा करने के लिए जाने से पहले पति से बात की थी. शशि ने पत्‍नी से वादा किया था कि वह चांद निकलने पर वीडियो कॉल करेंगे. आसमान में चांद निकला, लेकिन शशि अबरोल का फोन नहीं आया. शशि ने जब वीडियो कॉल किया, तब भी शशि अबरोल ने फोन नहीं उठाया. रुचि को लगा कि किसी काम में व्‍यस्‍त होंगे. कुछ समय बाद फिर रुचि ने फोन किया, लेकिन फिर घंटी बजती रही. रात 12 बजे तक रुचि अपने पति को फोन करती रही, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. 12 बजे के बाद फोन बंद हो गया. सुबह खबर आई कि शशि अबरोल की आतंकी हमले में मौत हो गई है. इसके बाद शशि अबरोल के घर में जो मातक छाया, वो अब भी नजर आता है. रुचि और उनकी 8 साल की बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है. बेटी मां के आंखों से आंसू पोंछती है और कहती है- मम्‍मी मत रोना..., लेकिन मासूम की आंखों से भी आंसू रुक नहीं रहे हैं.

 

फोन पर बताया- मुझे गोली लगी है.... दर्द की दूसरी कहानी

पंजाब के बटाला के रहने वाले 40 वर्षीय गुरमीत अपनी पत्‍नी चरनजीत के साथ बात कर रहे थे. पत्‍नी ने करवाचौथ का व्रत रखा था और शाम का समय था. गुरमीत भी काम खत्‍म कर चुका था. दोनों बातें कर रहे थे, तभी चरनजीत को पटाखे चलाने की आवाज फोन से आने लगी. चरनजीत ने गुरमीत से पूछा कि ये आवाजें कैसी आ रही हैं? गुरमीत ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि साइट पर आतंकियों ने हमला कर दिया है. ये पटाखों की नहीं गोलियों के चलने की आवाज है. इसके बाद गुरमीत से मुंह से एक चीख की आवाज आई. चरनजीत ने पूछा- क्‍या हुआ..? गुरमीत ने बताया कि हाथ में गोली लगी है, फोन रखो. इसके बाद फोन बंद हो गया. चरनजीत ने सोचा नहीं होगा कि पति गुरमीत से ये उनकी आखिरी बातचीत है. इसके बाद वह कभी पति से बात नहीं कर पाएंगी. चरनजीत का अब रो-रोकर बुरा हाल है, वह बार-बार उस फोन कॉल का जिक्र कर रही हैं.

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पिता शाहनवाज गए, बेटे का ख्‍वाब रह गया अधूरा- दर्द की तीसरी कहानी

कश्‍मीर के बड़गाम जिले के डॉ. शाहनवाज अब इस दुनिया में नहीं रहे. इसके साथ ही उनके बेटे मोहसिन का ख्‍वाब भी टूट गया है. शाहनवाज अपने बेटे मोहसिन को आइएएस ऑफिसर बनाना चाहते थे. पिता की मौत पर बेटे मोहसिन के आंखू थम नहीं रहे हैं. वह बोले, 'पिता के साथ मेरा ख्‍वाब भी टूट गया है. मैं आइएएस बनना चाहता था. पिता इसके लिए बहुत मेहनत करते थे. कई बार मैं उनसे कहता था कि इतनी मेहनत क्‍यों करते हैं, थोड़ा आराम भी कर लिया कीजिए. इस पर वह कहते थे- एक बार तुम आइएएस अधिकारी बन जाओ, इसके बाद मैं आराम करूंगा.' मोहसिन कहते हैं कि अब मेरा ख्‍वाब कभी पूरा नहीं होगा, क्‍योंकि इसे पूरा करने वाला ही चला गया है. मोहसिन में घर में भी मातम छाया हुआ है. परिवार के लोगों को रो-रोकर बुरा हाल है. गांदरबल में हुए आतंकी हमले में डॉ. शाहनवाज की भी मौत हो गई है.   

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मेरे पापा कब आएंगे...?- दर्द की चौथी कहानी


गांदरबल के आतंकी हमले में मारे गए शशि अबरोल की एक 8 साल की बेटी है. वह बार-बार अपनी दादी से पूछ रही थी- पापा कब आएंगे. मां और दादी ने जब उसे समझाया कि उसके पापा अब कभी नहीं आएंगे, आतंकियों ने उसके पापा को मार दिया है, तो उसकी आंखों में आंसू और चेहरे पर गुस्‍सा था. उसने कहा, "आतंकवादी बहुत बुरे हैं, उन्‍होंने मेरे पापा को मार डाला." आतंकवादी कौन होते हैं, शायद अभी इस मासूम को पता भी नहीं होगा. लेकिन आतंकियों ने जो दर्द इस मासूम को दिया है, उसे वह शायद कभी नहीं भुला पाएंगी. पापा को याद करते हुए इसके आंसू थम नहीं रहे हैं. 

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जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में आतंकियों ने बीते रविवार रात को एक डॉक्टर समेत 7 लोगों की हत्या कर दी थी. आतंकी हमले में बिहार के तीन मजदूरों की मौत हुई है, जिनकी पहचान फहीमन नासिर (सेफ्टी मैनेजर), मोहम्मद हनीफ और कलीम के तौर पर हुई है. इस आतंकी हमले में 5 मजदूर भी जख्मी हुए हैं. वहीं, गांदरबल आतंकी हमला की जांच अब एनआईए करेगी.

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