महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस के साथ शनिवार को हुई मुठभेड़ में कम से कम 26 नक्सली मारे गए हैं. हालांकि, मारे गए सभी की पहचान अभी तक उजागर नहीं की गई है, लेकिन नक्सलियों के टॉप कमांडर मिलिंद तेलतुम्बड़े (Milind Teltumbde) के भी एनकाउंटर में मारे जाने की खबर है. तेलतुंबड़े पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था. मिलिंद तेलतुबंड़े के साथ उसकी पत्नी की भी मुठभेड़ में मारे जाने की खबर है.एनकाउंटर में तीन जवान भी घायल हैं.
कुल मारे गए 26 नक्सलियों में 20 पुरुष नक्सली और 6 महिलाएं बताई जा रही हैं. सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों के पास से 29 हथियार बरामद हुए हैं, जिसमें एके-47, इंसास रायफल और एसएलआर शामिल है.
मिलिंद तेलतुंबड़े MMC (महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) का प्रमुख था. उसे दीपक तेलतुंबड़े या जीवा के नाम से भी जाना जाता था. वह सीपीआई (माओ) की केंद्रीय समिति का सदस्य भी था. वह हथियारों से लैस अंगरक्षकों और माओवादियों की एक प्लाटून के साथ चलता था.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, तेलतुंबड़े ने हाल ही में 100 नक्सलियों की भर्ती की थी और वह उन्हें बस्तर से मध्य प्रदेश के बालाघाट ले जाने की योजना बना रहा था. राशन ट्रक में लगे जीपीएस ट्रैकर की मदद से उसकी मूवमेंट पर नज़र रखी जा रही थी, जब उसने राशन खरीदा तो सुरक्षा बलों को पता चल गया.
मिलिंद तेलतुंबड़े महाराष्ट्र,छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और तेलंगाना रीजन की नक्सलियों की कोर कमिटी का सदस्य है और यलगार परिषद हिंसा केस में आरोपी भी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में यवतमाल जिले के वनी तहसील में एक छोटे से गांव का मूल निवासी मिलिंद काफी पढ़ा लिखा था. उस पर यलगार परिषद हिंसा में परदे के पीछे रहकर साजिश की योजना बनाने और सहयोग करने का आरोप है. मिलिंद तेलतुंबड़े, आनंद तेलतुंबड़े का भाई है, जो गोवा के एक कॉलेज में प्रोफेसर हैं और यलगार परिषद हिंसा मामले में गिरफ्तार है.