जी 20 का सम्मेलन पिछले रविवार को संपन्न हो गया. भारत द्वारा किए गए इस सफल आयोजन की दुनिया भर में चर्चा हो रही है. सुरक्षा को लेकर भारत सरकार की तरफ से व्यापक इंतजाम किए गए थे. सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रोटेक्टिव सिक्योरिटी डिविजन के स्पेशल सीपी मधुप तिवारी को दी गई थी. एनडीटीवी के साथ बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस आयोजन की सुरक्षा की तैयारी एक साल पहले ही शुरु कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि हमने एक ब्रॉड रूटमैप तैयार किया था.
केवल दिल्ली पुलिस के पास सुरक्षा का जिम्मा नहीं था
एनडीटीवी को मधुप तिवारी ने बताया कि सुरक्षा के बहुत सारे पहलू थे. वेन्यू थे,ट्रैफिक का काम था. रिस्ट्रिक्टेड जोन थे. पूरी दिल्ली में हाई अलर्ट रखना पड़ा था. तमाम जिलों की पुलिस थी उन्होंने ये भरोसा दिलाया की किसी भी तरह से ये कार्यक्रम बाधित न हो. दिल्ली पुलिस की तारीफ हो रही है ये अच्छी बात है लेकिन इसमें हमें CAPF से काफी मदद मिली. क्वालिटी सपोर्ट था, हमारे कारकेड के सारे ड्राइवर और क्लोज प्रोटेक्शन टीम CAPF से मिली थी. सीआरपीएफ, एसएसबी, बीएसएफ, आईटीवीपी , एनएसजी,इंडियन आर्मी, डीआरडीओ से हमें सपोर्ट मिला.
भारत मंडपम को लेकर थी अलग रणनीति
मधुप तिवारी ने बताया कि भारत मंडपम उस समय अंडर कंस्ट्रक्शन था. इसलिए उसकी सुरक्षा का एक लिमिटेड व्यू मिल पा रहा था. ये एक चैलेंज था लेकिन जैसे जैसे वो बनता गया वैसे वैसे हम अपना प्लान बनाते गए.
"एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए बनी थी अलग रणनीति"
प्रोटेक्टिव सिक्योरिटी डिविजन के स्पेशल सीपी मधुप तिवारी ने कहा कि क्रिटिकल काम था कारकेड का मूवमेंट,जो राष्ट्रध्यक्ष थे ,उनके परिवार उनके साथ उनके मंत्री सबके कारकेड का मैनेजमेंट था. होटलों की लिस्ट मिलने के बाद सभी होटलों का सिक्योरिटी ऑडिट किया गया.जहां खामियां थीं उनकी लिस्ट तैयार की गई. एयरपोर्ट की सुरक्षा का जायजा लिया गया,वहां की सुरक्षा को लेकर भी एक पॉलिसी तैयार की गई.
"हर किसी ने अपनी जिम्मेदारी को निभाया"
जो अरेंजमेंट था उसकी ओनरशिप हमारे हर जवान हर अफसर ने ली थी. सभी ने ड्यूटी जिम्मेदारी और लगन से निभाई. बारिश में पुलिस भीगती हुई खड़ी रही. सभी एजेंसियों से अपने बेस्ट ऑफिसर दिए थे. ये एक टीम वर्क था जिसमें गृहमंत्रालय की बड़ी भूमिका रही है.मै सभी को धन्यवाद करता हूं.
ये भी पढ़ें-