दिल्ली में जारी नहीं हुआ G20 का ज्वाइंट स्टेटमेंट, विदेश मंत्री ने "यूक्रेन से जुड़े मुद्दों" को बताया वजह

जी-20 की बैठक में यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत के संबंध में जयशंकर ने कहा कि अलग-अलग धारणाएं सामने आईं. हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि बैठक में अनेक मुद्दों पर सहमति बनी है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • दिल्ली में G20 की बैठक चल रही है
  • जयशंकर ने कहा कि कई मुद्दों पर सहमति बनी है
  • जी20 देशों में यूक्रेन संकट को लेकर मतभेद हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

दिल्ली में जी-20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक की शुरुआत के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को  स्वीकार किया कि जी-20 समूह में यूक्रेन संघर्ष पर "मतभेद" थे और मतभेदों को दूर नहीं किया जा सका, इस कारण संयुक्त बयान नहीं जारी किए गए. जी-20 की बैठक में यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत के संबंध में जयशंकर ने कहा कि अलग-अलग धारणाएं सामने आईं. हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि बैठक में अनेक मुद्दों पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि ‘ग्लोबल साउथ' की आवाज सुनी जाए. साथ ही उन्होंने ने कहा कि  विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की गई. 

बताते चलें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत यात्रा पर आये चीन के विदेश मंत्री किन गांग से गुरुवार को वार्ता की जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के हालात पर ध्यान केंद्रित किया गया. जी-20 के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर यह चर्चा हुई. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘आज दोपहर में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर चीन के विदेश मंत्री किन गांग से मुलाकात की. हमारी बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के लिए मौजूदा चुनौतियों पर ध्यान देने पर जोर दिया गया.''

किन दिसंबर में चीन के विदेश मंत्री बने थे जिसके बाद उनकी जयशंकर के साथ यह पहली मुलाकात है. जयशंकर ने करीब आठ महीने पहले बाली में जी-20 की एक बैठक से इतर तत्कालीन चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी.उन्होंने सात जुलाई को हुई एक घंटे की बैठक के दौरान वांग को पूर्वी लद्दाख में लंबित सभी मुद्दों के जल्द समाधान की जरूरत के बारे में बताया था. वांग पिछले साल मार्च में भारत आये थे. भारत और चीन ने गत 22 फरवरी को बीजिंग में प्रत्यक्ष राजनयिक वार्ता की थी और पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर स्थित टकराव वाले बाकी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के प्रस्ताव पर ‘खुली और सकारात्मक चर्चा' की थी.

ये भी पढ़ें-

Featured Video Of The Day
TLP Protest In Pakistan: पाकिस्तान में भारी बवाल, 300 से ज्यादा मौत का दावा
Topics mentioned in this article