इंडिया डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर जी-20 की चार बैठकें हुई हैं. इसमें डिजिटल सिक्योरिटी , डिजिटल DPI और डिजिटल आधारभूत ढांचा तैयार पर विस्तार से चर्चा की गई है. यह जानकारी आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर की तरफ से दी गई है. उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया के लिए डिजिटल इकॉनॉमी के लिहाज से एक शोकेस है. G20 से जुड़े कई देश भारत के DPI जैसा ढांचा अपने यहां भी खड़ा करना चाहते हैं.
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"G-20 के कई देश चाहते हैं भारत के DPI जैसा ढ़ांचा"
आईटी मंत्री ने बताया कि आर्मेनिया, साउदी अरब, इजीप्ट, मॉरिशस जैसे देशों से DPI के मुद्दे पर द्विपक्षीय समझौता हुआ है. साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर यानी कि DPI और साइबर स्किलिंग पर G20 के देशों के बीच सहमति बनी है.
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने NDTV के 'डीकोडिंग जी-20' कॉन्क्लेव में डिजिटल अर्थव्यवस्था पर चर्चा करते हुए कहा था कि डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) पीएम मोदी का विजन था. हमने केंद्र में लोगों के साथ निजी क्षेत्र के साथ विन-विन सिचुएशन के जरिये से यह प्रदर्शित किया है और हम सार्वजनिक इकोसिस्टम में डीपीआई स्ट्रक्चर का विस्तार करना चाहते हैं.
DPI ने बदला लोगों का जीवन-आईटी मंत्री
राजीव चन्द्रशेखर ने कहा था कि "प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 में कहा था कि वह चाहते हैं कि डीपीआई के लिए AI का निर्माण किया जाए और इसलिए गवर्नेंस के लिए AI महत्वपूर्ण हो गया है. ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी लेने और इसे कस्टमाइज करने के लिए कई देश लाइन में हैं."केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा था, "भारत की जी20 अध्यक्षता के बारे में एक आश्चर्यजनक बात यह है कि कैसे डीपीआई केंद्र स्तर पर है, यहां तक कि जी20 से पहले की अध्यक्षता के दौरान भी. डीपीआई ने खासकर कोविड के बाद की दुनिया में इकोसिस्टम और लोगों के जीवन को बदल दिया है."
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