सिकंरदाबाद छावनी में सड़कें अवरुद्ध होने से बढ़ी लोगों की दिक्कतें, 800 मीटर का सफर 8 किलोमीटर का हुआ

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सितंबर 2014 में इन रास्तों को बंद करने की अनुमति दी थी. बाद में निवासियों की अपील पर, तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना मुख्यालय ने मई 2018 में सड़कों को खोलने का आदेश दिया था. फिर भी, निवासियों का कहना है, कि उनका रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया.

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छावनी क्षेत्र में सड़कें अवरुद्ध करने का आरोप
हैदराबाद:

तेलंगाना के सिकंदराबाद निवासी छावनी क्षेत्र में 21 सड़कों को बंद करने का विरोध कर रहे हैं. यहां रहने वाले निवासियों ने कहा कि सड़कों पर बैरिकेड्स बनाए गए या फिर दीवार खड़ी कर दी गई है, जिससे उनका रास्ता अवरुद्ध हो गया है. पिछले सात वर्षों से अधिक समय से, उत्तर और पूर्वोत्तर हैदराबाद के निवासी स्थानीय सैन्य प्राधिकरण द्वारा सिकंदराबाद छावनी क्षेत्र में 21 सड़कों को कथित रूप से अवैध रूप से बंद करने का विरोध कर रहे हैं. दरअसल ये रास्ते बंद होने से लोगों को 8 किलोमीटर ज्यादा लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है.

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सितंबर 2014 में बंद करने की अनुमति दी थी. बाद में निवासियों की अपील पर, तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना मुख्यालय ने मई 2018 में सड़कों को खोलने का आदेश दिया था. फिर भी, निवासियों का कहना है, कि उनका रास्ता  अवरुद्ध हो गया है. जैसे की आरके पुरम आरओबी या रोड ओवरब्रिज के तहत सर्विस रोड को दीवार बनाकर ब्लॉक कर दिया गया है और अंदर लॉन बढ़ा दिया गया है.

फेडरेशन ऑफ फेडरेशन के सचिव सीएस चंद्रशेखर ने कहा, "हम रक्षा मंत्री, सेना मुख्यालय, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ से स्थानीय सेना द्वारा अवैध रूप से बंद किए गए इन रास्तों को फिर से खोलने का अनुरोध करते हैं. चंद्रशेखर ने कहा, "हमें सुनना होगा. हम नागरिकों की आवाज है और हमारी आपत्तियां वैध हैं. हमारी एम्बुलेंस को रोक दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसी भी सड़क को बंद करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है.

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तनाव बढ़ने के साथ ही तेलंगाना के मंत्री के टी रामाराव ने बिजली और पानी की आपूर्ति में कटौती करने की धमकी भी दी थी, "छावनी में केंद्र सरकार और स्थानीय सैन्य अधिकारी हमारे हैदराबाद के नागरिकों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहे हैं. हालांकि हमने कई बार शिकायत की है,लेकिन वे सड़कें बंद कर देते हैं, वे नालियों को रोकने के लिए चेक डैम बनाते हैं. यह अच्छा नहीं है. 

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केटीआर ने राज्य में कहा सभा में कहा कि तेलंगाना एक अलग देश नहीं है. हम पानी या बिजली की आपूर्ति काटने जैसी कठोर कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे. हमें एक साथ रहने की जरूरत है. अपने लोगों की ओर से, हमें उन्हें समझाने के लिए ऐसा करना पड़ सकता है, "केटीआर ने राज्य में कहा सभा. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि अन्य छावनियों के विपरीत, विचाराधीन भूमि राज्य सरकार की है.

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