भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जिग्लर ने उस मीडिया को रिपोर्ट को फर्जी बताया है जिसमें दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान एयरफोर्स के पायलटों को राफेल उ ड़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने कहा, मैं दावा करता हूं कि यह एक फेक न्यूज है'. गौरतलब है कि एविऐशन सेक्टर केंद्रित वेबसाइट ainonline.com की ओर से दावा किया गया है कि एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कतर एयरफोर्स की ओर से पाकिस्तानी पायलटों को फ्रांस में राफेल उड़ने की ट्रेनिंग दी गई है. इस खबर के आने के बाद भारत के लिए चिंता बढ़ गई थी क्योंकि फाइटर प्लेन बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट इसी साल सितंबर में भारत को यह अत्याधुनिक विमान सौंपने वाला है. माना जा रहा है कि इस विमान के आने के बाद भारतीय एयरफोर्स की ताकत बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी.
इस तरह की खबर के बाद शक इसलिए बढ़ गया था कि क्योंकि पाकिस्तान से संचालित न्यूज वेबसाइट www.thenews.com.pk ने जनवरी 2018 में रिपोर्ट छापी थी कि कतर एयरफोर्स के कमांडर ने इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तानी एयरफोर्स के मुख्यालय का दौरा किया है. इस दौरान पाकिस्तान की ओर से दोनों देशों के सैन्य समर्थन और मिलिट्री ट्रेनिंग की बात कही थी.
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चिंता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि जिन क्षमताओं से लैस राफेल भारत को सौंपा जा रहा है लगभग उन्हीं खूबियों वाला विमान कतर एयरफोर्स को भी सौंपा गया है. इससे नुकसान यह है कि पाकिस्तान के पायलटों को कम से कम इस बात का तो पता चल ही जाएगा कि राफेल के हमले से किस तरह बचाव किया जाए. इस विमान की सबसे बड़ी खासियत इसके राडार हैं. इसकी मदद से पायलट को निशाना साधने और एक साथ कई हमले करने में मदद मिलती है. ट्रेनिंग के दौरान पाकिस्तान के पायलट इसकी सटीक कार्यशैली और सिस्टम के बारे में जान जाएंगे जिनका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना करेगी.
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