किसी को भी आंदोलन करने की स्वतंत्रता, लेकिन अराजकता फैलाने का अधिकार नहीं : खट्टर

पंचकूला में तिरंगा फहराने के बाद खट्टर ने गणतंत्र दिवस के अपने संबोधन में कहा कि संविधान अधिकारों के बारे में बात करता है, लेकिन ये अधिकार ‘‘हमें कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं देते.’’ उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को संविधान का पालन करना होता है.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:

केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) की तरफ इशारा करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने मंगलवार को कहा कि किसी को भी आंदोलन करने की स्वतंत्रता है, लेकिन अराजकता फैलाने का अधिकार किसी को भी नहीं है. पंचकूला में तिरंगा फहराने के बाद खट्टर ने गणतंत्र दिवस के अपने संबोधन में कहा कि संविधान अधिकारों के बारे में बात करता है, लेकिन ये अधिकार ‘‘हमें कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं देते.'' उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को संविधान का पालन करना होता है.

किसानों के प्रदर्शन के बारे में सीधा उल्लेख किए बिना मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम एक लोकतंत्र हैं...गणतंत्र दिवस पर, हमें हमारा संविधान मिला. संविधान निर्माताओं ने विभिन्न अधिकारों के बारे में बात की जिनसे हम अपने जीवन को सुखी बना सकते हैं. लेकिन मैं एक चीज याद दिलाना चाहता हूं कि संविधान के तहत हमारे अधिकारों और दायित्वों-दोनों का उल्लेख किया गया है.''

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अधिकारों का मतलब यह नहीं है कि हम कुछ भी कर सकते हैं, कुछ सीमाएं हैं. इन सीमाओं के माध्यम से, हमें याद रखना चाहिए कि हमने जिस संविधान को स्वीकार किया है उसका पालन करना हमारा दायित्व है.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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