बिहार पुलिस ने राज्य के अररिया जिले में एक स्थानीय पत्रकार की गोली मारकर हत्या करने के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा कि मामले में दो और आरोपियों की तलाश जारी है. घटना बृहस्पतिवार रानीगंज बाजार इलाके में घटी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे दुखद घटना बताया और कहा कि खबर सुनते ही उन्होंने तुरंत अधिकारियों को अपराध की जांच करने का निर्देश दिया. उन्होंने पटना में संवाददाताओं से कहा कि किसी पत्रकार को इस तरह कैसे मारा जा सकता है...?
विमल कुमार यादव एक हिंदी दैनिक अखबार के लिए करते थे काम
35 वर्षीय विमल कुमार यादव एक हिंदी दैनिक अखबार के लिए काम करते थे. उनकी हत्या प्रेमनगर गांव स्थित उनके आवास पर की गई थी. बिहार पुलिस ने ट्वीट किया, "हमलावरों ने सुबह करीब साढ़े पांच बजे यादव के घर का दरवाजा खटखटाया और जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जहां खबर सुनकर जिला पुलिस प्रमुख और संबंधित थाने रानीगंज के प्रभारी वहां पहुंचे.
मुख्य गवाह होने की वजह से बदमाशों ने की हत्या कर दी...!
बताया जा रहा है कि दो साल पहले पत्रकार विमल यादव के भाई की हत्या बदमाशों ने कर दी थी. वे इलाके के सरपंच थे. इसी हत्या के केस में विमल मुख्य गवाह थे और ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मुख्य गवाह होने की वजह से बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी. विमल कुमार यादव ने कथित धमकियों के बावजूद अदालत में चल रहे मुकदमे के दौरान अपने भाई के हत्यारे के खिलाफ गवाही दी.
"ये विधि व्यवस्था का मामला नहीं..."
बिहार के अररिया के रानीगंज में एक पत्रकार की हत्या के सिलसिले में चार आरोपियों की गिरफ़्तारी के बाद जनता दल यूनाइटेड ने कहा कि ये विधि व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि अपराध की घटना हैं और अपराधियों के ख़िलाफ़ कारवाई की जा रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने कहा कि विधि व्यवस्था का कोई मामला नहीं है. अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है.
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