पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ की पूर्व MLA के तौर पर पेंशन मंजूर, जानें कितने मिलेंगे रुपए और अब क्‍यों किया आवेदन

जगदीप धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे. जुलाई 2019 तक उन्हें पेंशन मिल रही थी, लेकिन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद यह बंद हो गई थी. अब उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद फिर से पेंशन बहाल कर दी गई है. 

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  • राजस्थान विधानसभा ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पूर्व MLA के तौर पर 42,000 रुपए की पेंशन मंजूर की है.
  • जगदीप धनखड़ ने अगस्त के आखिरी सप्ताह में पेंशन के लिए आवेदन किया था, जिसे सचिवालय ने मंजूर कर लिया है.
  • संवैधानिक पद पर नियुक्त पूर्व MLAs की पेंशन बंद हो जाती है, लेकिन कार्यकाल पूरा होने पर फिर शुरू हो जाती है.
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जयपुर:

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को राजस्थान विधानसभा से पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन मंजूर हो गई है. विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन पर प्रक्रिया पूरी कर दी है. अब उन्हें हर महीने करीब 42 हजार रुपए पेंशन और पूर्व विधायकों को मिलने वाली सुविधाएं मिलेंगी. धनखड़ ने अगस्त के आखिरी सप्ताह में पेंशन के लिए आवेदन किया था. विधानसभा सचिवालय ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा मंजूर होने की तारीख से पेंशन शुरू कर दी है. 

धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे. जुलाई 2019 तक उन्हें पेंशन मिल रही थी, लेकिन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद यह बंद हो गई थी. अब उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद फिर से पेंशन बहाल कर दी गई है. 

70 साल की उम्र के बाद 20% बढ़ोतरी 

पूर्व विधायक को 35 हजार रुपए महीना पेंशन मिलती है, लेकिन 70 साल की उम्र पार कर लेने पर पेंशन में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है. इस आधार पर धनखड़ को अब 42 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे. 

नियमों के मुताबिक पूर्व विधायक अगर सरकार या संवैधानिक पद पर नियुक्त हो जाते हैं तो पेंशन बंद कर दी जाती है. कार्यकाल पूरा होने के बाद आवेदन करने पर पेंशन फिर से शुरू हो जाती है. धनखड़ की पेंशन भी इसी प्रक्रिया के तहत शुरू की गई है. 

तीन पेंशन के हकदार हैं धनखड़

अधिकारियों ने बताया कि धनखड़ तीन पेंशन के हकदार हैं - पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सांसद और राजस्थान विधानसभा के पूर्व सदस्य के रूप में. पश्चिम बंगाल का पूर्व राज्यपाल होने के नाते धनखड़ के लिए कोई पेंशन लाभ नहीं है, लेकिन पूर्व राज्यपाल होने के नाते उन्हें सचिव के रूप में एक कर्मी रखने की एवज में 25,000 रुपये की मासिक प्रतिपूर्ति मिल सकती है. साथ ही एक बार के सांसद के रूप में उन्हें अन्य लाभों के अलावा 45,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है.

इसके अलावा पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते धनखड़ करीब 2 लाख रुपये प्रति माह पेंशन, टाइप-8 बंगला, एक निजी सचिव, एक अतिरिक्त निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक चिकित्सक, एक नर्सिंग अधिकारी और चार निजी परिचारक पाने के हकदार हैं.

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