UP के पूर्व DGP विक्रम सिंह ने बताया, दूसरे राज्य में गिरफ्तारी के वक्त छत्तीसगढ़ पुलिस ने की ये चूक

जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन की गिरफ्तारी को लेकर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar pradesh) एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं. इस मामले में कानूनी दांव पेच को समझने के लिए एनडीटीवी (NDTV) ने उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह से बात की.

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नई दिल्ली:

जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन को गिरफ्तार करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) की टीम मंगलवार सुबह गाजियाबाद (Ghaziabad) में रोहित रंजन के घर पर पहुंची. इसके बाद गाजियाबाद पुलिस रोहित रंजन के घर पहुंची और छत्तीसगढ़ पुलिस एंकर को गिरफ्तार नहीं कर पाई. बाद में नोएड़ा पुलिस (Noida police) एंकर को अपने साथ ले किसी गुमनाम जगह पर पूछताछ के लिए ले गई. इसके बाद से एंकर की गिरफ्तारी को लेकर दो राज्यों की पुलिस आमने-सामने आ गई है.

एनडीटीवी ने इस मामले में कानूनी दांव पेंच को समझने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह से बात की. सिंह ने कहा कि पुलिस का काम मनमाने तरीके से नहीं चलता है. अगर एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में जाएगी तो लोकल पुलिस को सूचित करना होता है. वहां कि पुलिस को अपने आईडी कार्ड तक दिखाने होते हैं. दूसरे राज्य में पुलिस को गिरफ्तारी के लिए पूरी तरह से वर्दी पहनकर जाना होता. बाहरी राज्य की पुलिस लोकल पुलिस को लेकर आरोपी को पकड़ने जाएगी या फिर किसी के घर में तलाशी लेने जाएगी. ये मनमाने तरीके से सादे कपड़ों में बिना लोकल पुलिस को बताए जाना सही नहीं है. छत्तीसगढ़ की पुलिस ने सोसायटी के गार्ड को बंधक बना लिया, जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा.

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वहीं रायपुर पुलिस के डीएसपी का कहना है कि उनके पास कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट है, इसलिए लोकल पुलिस को बताने की जरूरत नहीं है. इसके जवाब में विक्रम सिंह ने कहा कि रायपुर पुलिस गलत तरीके से मामले को डील कर रही है. वारंट के बाद भी लोकल पुलिस को साथ लेकर वारंट तामील कराना चाहिए था. कई जगहों पर ऐसे मामले देखने को मिले हैं कि पुलिस की वर्दी में तलाशी लेने की बात कहकर कई लोगों ने घर में घुसकर लूटपाट की और अपहरण कर आदमी को भी ले गये. इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए ही सेफगार्ड बनाया गया है, जिसका बाहरी पुलिस को पालन करना चाहिए. अगर आप किसी को 50 किलोमीटर से ज्यादा दूर लेकर जा रहे हैं तो आपको ट्रांजिट रिमांड लेना भी जरूरी है.

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अगर दोनों राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार हो तो पुलिस आपस में नहीं उलझती. दिल्ली पुलिस ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के शूटरों को गुजरात से गिरफ्तार करने से पहले लोकल थाने में सूचना नहीं थी. इसके जवाब में विक्रम सिंह ने कहा कि आज पुलिस को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. जहां पर जिस पार्टी की सरकार है, वहां पर वह पुलिस का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है.

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