भारत के पूर्व राष्ट्रपति (Former President) प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) की आज 86वीं जयंती है. वे भारत के 13वें राष्ट्रपति थे. उनका जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक छोटे से गांव मिराती के एक साधारण से परिवार में हुआ था. उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी स्वतंत्रता सेनानी थे और उनकी मां का नाम राजलक्ष्मी था. प्रणब मुखर्जी के पिता भी कांग्रेसी नेता थे और आजादी की लड़ाई में कई बार जेल गए. उनका राजनीतिक जीवन 40 सालों से भी ज्यादा लंबा रहा है. कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उन्होंने विदेश से लेकर रक्षा, वित्त और वाणिज्य मंत्री तक की भूमिका निभाई. उन्होंने भारतीय राजनीति को बहुत लंबे समय तक, बहुत करीब से देखा.
आज उनकी जयंती के खास मौके पर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है और उन्हें याद कर रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नितिन गडकरी और केशव प्रसाद मौर्या ने भी कू पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है.
योगी आदित्यनाथ ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को याद करते हुए कू पर लिखा, भारत के पूर्व राष्ट्रपति, सरल व सहज राजनेता, शुचिता एवं कर्मठता के प्रतीक, 'भारत रत्न' प्रणब मुखर्जी जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि.
नितिन गडकरी ने भी कू पर देश के पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि.
केशव प्रसाद मौर्या ने भी उन्हें याद करते हुए लिखा, भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति एवं भारतरत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन.
उन्होंने कूटनीतिक स्तर पर भी अहम भूमिकाएं निभाईं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा से लेकर गुटनिरपेक्ष विदेश मंत्रियों के सम्मेलन सहित कई सम्मेलनों में भारत का नेतृत्व किया. प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत सरकार ने भारत रत्न से नवाजा था. इसके पहले 2008 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार पद्म विभूषण से नवाजा गया था. इसके अलावा वो सर्वोत्तम सांसद और प्रशासक भी रह चुके थे. उन्हें दुनियाभर के विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधियां मिली हुई थीं.