"BJP का इंस्‍ट्रुमेंट बन गया है RSS", अरुण शौरी ने NDTV से बातचीत में सरकार पर बोला बड़ा हमला

अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्‍व वाली NDA सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे शौरी ने कहा, 'आजकल गंदगी बढ़ती जा रही है. आज संवैधानिक संस्थाओं का क्षय होता जा रहा है, जो न बिके उसकी हालत पतली कर दी जाएगी.'

विज्ञापन
Read Time: 26 mins

अरुण शौरी ने भारतीय राजनीति से जुड़े मसलों पर खुलकर राय रखी

नई दिल्‍ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार अरुण शौरी अपनी नई पुस्‍तक 'द कमिश्नर फॉर लॉस्‍ट कॉसेज (The Commissioner For Lost Causes) के रिलीज होने के मौके पर आज NDTV से रूबरू हुए. शौरी ने 583 पेज की ये किताब लिखी है. शौरी ने इस मौके पर केंद्र सरकार पर निशाना साधने के साथ-साथ भारतीय राजनीति से जुड़े विभिन्‍न मुद्दों पर खुलकर राय रखी. अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्‍व वाली NDA सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे शौरी ने कहा, 'आजकल गंदगी बढ़ती जा रही है. संवैधानिक संस्थाओं का क्षय होता जा रहा है, जो न बिके उसकी हालत पतली कर दी जाएगी. अगर संस्थाएं और एजेंसियां बेशर्म हो जाएं तो इसे रोका नहीं जा सकता.' भ्रष्‍टाचार के मसले पर उन्‍होंने कहा कि करप्‍शन आज इंस्‍टीट्यूशनलाइज हो गया है. एक प्रमुख अखबार में हाल ही में स्‍टोरी आई थी कि एक फर्म ने एफिडेविट फाइल किया कि आप इलेक्‍शन बांड नहीं लेते हैं तो आपको फंसाया जाएगा. भ्रष्‍टाचार आज संस्‍थागत हो गया है.

उन्‍होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि केंद्र सरकार की कई संस्‍थाए महाराष्‍ट्र के नेताओं के खिलाफ काम कर रही है, महाराष्‍ट्र के संस्‍थान, एक पार्टी के नेताओे के खिलाफ. एक प्रमुख बदलाव यह आया है कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) आज बिल्‍कुल बीजेपी का इंस्ट्रूमेंट बन गया है जबकि पहले यह अलग होता था. संघ के काडर अब ऐसी चीजें उठा लेते हैं जिसका फायदा सरकार उठाती है. इस सवाल पर कि कर्नाटक से जुड़े विवाद और कल रामनवमी से जुड़े जुलस को लेकर तनातनी किसकी जिम्‍मेदारी है, उन्‍होंने कहा कि सत्‍ता पक्ष के लिए के कैंपेन में पोलराइजेशन एक इस्‍ट्रमेंट है, लगता तो यही है. विपक्ष को इससे क्‍या मिलेगा. एक उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि 'लव जिहाद' का मुद्दा यूपी में आया, उसकी डेट देखिए कैसे आया?  ये टेक्‍नीक्‍स हैं सत्‍ता पक्ष ध्रुवीकरण करा रहा है..

मौजूदा भारतीय राजनीति के विभिन्‍न मुद्दों पर अरुण शौरी की राय 

आम आदमी पार्टी के उभरने और अरविंद केजरीवाल के बढ़ते रुतबे पर : पंजाब जीतने के बाद केजरीवाल को इम्‍पोर्टेंस देनी चाहिए. इस सवाल पर शौरी बोले -जो भी जीत रहा, उसे  महत्‍व देना चाहिए. शौरी ने खुलासा किया कि नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी की अहमियत बढ़ने के बारे में पहले से अंदाज लगा लिया था. एक वाकये का जिक्र करते हुए शोरी ने कहा,'कुछ वर्ष पहले मोदी ने कहा था कि हमें आइडियाज दीजिए. 2013 में मोदी ने कहा था कि केजरीवाल क्‍यारणनीति अपना रहे, उसकी स्‍टडी करना चाहिए. मेरा एक दोस्‍त राजेश जैन यह स्‍टडी करने दिल्‍ली आया था.'

Advertisement

कांग्रेस पार्टी के लगातार गिरते ग्राफ पर:  कांग्रेस की बात करें तो कैपेबिलिटी ऑफ लीडरशिप का इश्‍यु है. अमरिंदर सिंह, प्रशांत किशोर और हिमंत बिस्‍व शर्मा भी ऐसी बात कह चुके हैं. इस पार्टी के साथ फुल टाइम लीडरशिप का इश्‍यु है. पार्टी के साथ अब वैसा काडर नहीं रहा जैसा पहले था. 

Advertisement

यूपी में बीजेपी की शानदार जीत पर : उत्‍तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत पर बात करें तो बीजेपी के पास ऐसा काडर है जो किसी के पास नहीं है. काडर बीजेपी का इस्‍ट्रुमेंटमेंट हैं. अब यह मोहन भागवत जी के बजाय बीजेपी के पास ज्‍यादा आ गया है.  

Advertisement

क्‍या मौजूदा राजनीति में नरेंद्र मोदी का विकल्‍प है : एक आदमी के बारे मे सोचना ठीक नहीं. गुलीवर को कई लोगों ने बांधकर रखा था, रीजनल पार्टियों को एकजुट होना चाहिए. विकल्‍प बनने के लिए विकल्‍प दिखना होता है. आज दिक्‍कत यह है कि रीजनल पार्टियों की सरकारें ऐसी ही हैं जैसी मोदी की सरकार है. 

Advertisement

आज की मोदी सरकार को लेकर राय : आज प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व पर बहुत जोर है. छोटी-छोटी चीजों पर बड़े पोस्टर आते हैं. अब कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं होती है. उनको हर जगह से सूचना आती है, अब सूचना देने वाले ही डरे रहते हैं. 

 पत्रकारिता को लेकर राय : पत्रकारिता पर अब सवाल उठते हैं जबकि रामनाथ गोयनका को पत्नी के जेवर तक बेचने पड़े थे. शौरी ने कहा, 'अचानक ही गोयनका जी से मिला था और इंडियन एक्सप्रेस में उनसे मिलने जाता था. एक दिन वो बहुत निराश थे, तो मैंने पूछा कि पत्नी के जेवर बेचने में दिल टूटता है तो उन्‍होंने पेपर को चलाते रहने के लिए ऐसा करना पड़ा.' शौरी के अनुसार, जब मैंने यह पूछा पूछा कि आप (रामनाथ गोयनका) कब तक ऐसे लड़ते रहोगे तो उन्होंने तपाक से कहा था- 31 मार्च 1977 तक. ये बाबा ने कहा है कि वो एक गलती करेगी. इसके बाद इंदिरा गांधी ने 18 जनवरी 1977 को चुनाव की घोषणा कर दी. आज के दौर का जिक्र करते हुए अरुण शौरी ने कहा कि आजकल लाखों-करोड़ों रुपये की लूट हो रही है, लेकिन वित्त मंत्री के साथ कोई भी नैतिक जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. 

- ये भी पढ़ें -

* CM ऑफिस के बाद UP सरकार का ट्विटर अकाउंट भी हैक, DP बदल किए ऐसे ट्वीट..
* आम लोग चाहेंगे तो सक्रिय राजनीति में जरूर आऊंगा : रॉबर्ट वाड्रा
* रिश्वत नेशनल हेराल्ड केस: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से प्रवर्तन निदेशालय ने की पूछताछ

Topics mentioned in this article