महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी ने अशोक चव्हाण को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने के बाद विपक्षी दलों ने अशोक चव्हाण पर निशाना साधा है कि राज्यसभा जाने के लिए ही वो बीजेपी में शामिल हुए हैं. एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने राज्यसभा उम्मीदवारी या किसी और लालच के लिए कांग्रेस नहीं छोड़ी. मूड ऑफ़ द नेशन बीजेपी की तरफ़ है, विपक्ष बेहद कमज़ोर हुआ है.
"किसी व्यक्ति विशेष पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा"
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने कहा कि जांच एजेंसी, ईडी के दबाव में मैंने पार्टी छोड़ा ये पॉलिटिकल और घिसापिटा बयान है इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. साथ ही उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष पर कुछ नहीं कहूंगा. मैंने किसी से पार्टी छोड़ने के लिए नहीं कहा. मुश्किल में कई कांग्रेसी नेता हैं कि चुनाव कैसे लड़ेंगे, पार्टी के भीतर कई चिंताएं हैं, लेकिन मैं किसी को नहीं तोड़ूंगा.
ऐसा बयान बेतुका है: अशोक चव्हाण
अशोक चव्हाण ने कहा कि मुझे बीजेपी से डिप्टी सीएम का पोस्ट चाहिए था ऐसा बयान बेतुका है. बस एक दिन लगा और मैंने पार्टी छोड़ दिया, कोई प्लानिंग नहीं थी. कांग्रेस को बदलना होगा, वो जानता के पल्स को नहीं समझ पा रहे, कई साथी चिंतित हैं, कोई बोल नहीं रहा है लेकिन पार्टी डूब रही है. महाविकास अघाड़ी और इंडिया अलायन्स आज कहां है ये मैं नहीं बता सकता. अब ये उनकी चिंता. हाईकमान को मेरी चिंताएं पता थीं, लेकिन मैंने उन्हें ये नहीं बताया था कि मैं रिजाइन कर रहा हूं.
मराठा आरक्षण महाराष्ट्र का सबसे बड़ा मुद्दा है, ध्यान देने की आवश्यकता है. सीएम और उपमुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा. हल निकलेगा. चुनावी बॉण्ड पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पारदर्शिता लाएगा.
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