22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से देश में गम और गु्स्से का माहौल है. इस हमले में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. ऐसी स्थितियां बन रही है जिससे लग रहा है कि दोनों देश जंग के मुहाने पर खड़े हैं. लेकिन रविवार को एक पूर्व राजनायिक ने कहा कि लोगों में गुस्सा है इसलिए पाकिस्तान पर हमला कर दे, यह नहीं होना चाहिए.
इस बातचीत के दौरान अजय बिसारिया ने कहा कि जनता के मूड को देखते हुए पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि युद्ध का समय लोगों की भावनाओं पर आधारित नहीं होना चाहिए.
अजय बिसारिया ने कहा, "किसी भी ऑपरेशन को सफल बनाने में 3 एलिमेंट की आवश्यकता होती है- स्पीड, सरप्राइज और सेक्रेसी. मुद्दा समय चुनने का है और इसे जनता के मूड से तय नहीं किया जाना चाहिए."
अजय बिसारिया ने कहा, "हमें यह लड़ाई अपने दम पर लड़नी होगी. जब आप आगे बढ़ते हैं, तो आपको सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. ऐसा करने में सक्षम होने के लिए आपके पास क्षमता, इरादा, राजनीतिक और राष्ट्रीय इच्छाशक्ति होनी चाहिए."
एक-दूसरे के शहरों पर मिसाइलें गिरने लगे तो दोनों देश कमजोर होंगेः सुशांत सरीन
न्यूज एजेंसी के पॉडकास्ट में शामिल दूसरे एक्सपर्ट सामरिक मामलों के विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने युद्ध की भारी कीमत के बारे में चेतावनी दी और कहा कि अगर स्थिति इतनी बिगड़ गई कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के शहरों पर मिसाइलें गिराने लगे तो दोनों देश कमज़ोर होंगे.
सुशांत सरीन ने कहा, "यह बेहद ज़रूरी है कि हम अपने लोगों को इस बात के लिए तैयार करें कि किसी भी कार्रवाई से बहुत ज़्यादा कीमत और जोखिम जुड़े हैं. अगर एक-दूसरे के शहरों पर मिसाइलें बरसने वाली हैं तो यह समझना जरूरी है कि जैसे इस्लामाबाद और लाहौर कमज़ोर हैं, वैसे ही दिल्ली भी कमज़ोर है.