कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश (68) की रविवार, 20 अप्रैल 2025 को बेंगलुरु के एचएसआर लेआउट स्थित उनके आवास पर निर्मम हत्या ने पूरे राज्य को हिला दिया है. 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश का शव उनके तीन मंजिला घर के ग्राउंड फ्लोर के ड्राइंग रूम के भूतल पर खून से लथपथ मिला. पुलिस ने इस मामले में उनकी पत्नी पल्लवी को मुख्य संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया है, जबकि उनकी बेटी कृति से भी पूछताछ जारी है.
कौन थे ओम प्रकाश?
बिहार के चंपारण जिले के मूल निवासी ओम प्रकाश ने भूविज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल की थी. 1981 में यूपीएससी परीक्षा पास कर वे भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए. अपने शानदार करियर में उन्होंने कर्नाटक के विभिन्न जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया और 1 मार्च 2015 को कर्नाटक के डीजीपी नियुक्त हुए. 2017 में सेवानिवृत्ति के बाद वे बेंगलुरु में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रह रहे थे.
कैसे हुई हत्या?
पुलिस के अनुसार, ओम प्रकाश के शरीर पर चाकू के कई घाव मिले, खासकर पेट और सीने पर. जांच में पता चला कि हत्या से पहले उनकी पत्नी ने उन पर मिर्च पाउडर फेंका, उन्हें बांधा और फिर चाकू से हमला किया. पल्लवी ने हत्या के बाद एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी की पत्नी को वीडियो कॉल कर कहा, “मैंने उस राक्षस को मार डाला.” इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई.
क्या संपत्ति विवाद बना कारण?
प्रारंभिक जांच में संपत्ति विवाद को हत्या का प्रमुख कारण माना जा रहा है. ओम प्रकाश अपनी संपत्ति बेटे के नाम करना चाहते थे, जिससे पत्नी नाराज थी. सूत्रों के मुताबिक, पल्लवी को सिजोफ्रेनिया था और उनका इलाज चल रहा था.
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