यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के जासूसी लिंक मिले... फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट से हुआ खुलासा

ज्योति चार PIOs के संपर्क में थी और उनकी पहचान की उसको जानकारी थी. डिजिटल डेटा में किसी ग्रुप चैट के नहीं, बल्कि केवल वन-ऑन-वन बातचीत के सबूत हैं. पहली पाकिस्तान यात्रा के बाद उसे विशेष वीजा और ISI और पाक गृह मंत्रालय की मंजूरी से सुरक्षा भी मिली थी.

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(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा मामले में डिजिटल फॉरेंसिक जांच में खुलासा हुआ है कि वह पाकिस्तानी आईएसआई द्वारा रची गई नैरेटिव बनाने वाली योजना में 'एसेट' थी.

हिसार पुलिस को मिली ज्योति की फॉरेन्सिक जांच की रिपोर्ट

हिसार पुलिस ने ज्योति के मोबाइल और लैपटॉप से 12TB की डिजिटल फॉरेंसिक डाटा रिकवर की है. पुलिस फिलहाल हिरासत की मांग नहीं कर रही है और पहले डिजिटल सबूतों की गहराई से जांच करेगी. प्रारंभिक डाटा में ज्योति के खातों में संदिग्ध मनी ट्रेल का पता चला है.

ज्योति चार PIOs के संपर्क में थी और उनकी पहचान की उसको जानकारी थी. डिजिटल डेटा में किसी ग्रुप चैट के नहीं, बल्कि केवल वन-ऑन-वन बातचीत के सबूत हैं. पहली पाकिस्तान यात्रा के बाद उसे विशेष वीजा और ISI और पाक गृह मंत्रालय की मंजूरी से सुरक्षा भी मिली थी.

पाकिस्तान यात्रा के वीडियो सामने आने के बाद उसके फॉलोअर्स और व्यूज में अचानक बढ़ोतरी हुई थी. हिसार पुलिस के मुताबिक ज्योति ने जानबूझकर ISI की योजना में साथ दिया ताकि उसे सुविधाएं मिलती रहें. उसे VIP ट्रीटमेंट दिया गया जो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को लुभाने का ISI का आम तरीका है.

हिसार पुलिस को मिले ज्योति के डिजिटल साक्ष्य इतने मजबूत हैं कि उस पर कई धाराओं में केस बन सकता है. उसकी गिरफ्तारी समय पर हुई जिससे एक बड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा संकट टल गया है. वह पहले ही PIOs के इशारों पर काम कर रही थी ताकि उसे व्यक्तिगत लाभ मिल सके. 

हालांकि, अब तक हिसार पुलिस को बेहद संवेदनशील जानकारी के लीक होने के सबूत नहीं मिले हैं. हिसार पुलिस ज्योति को मिलने वाले फण्ड के सोर्स की भी जांच कर रही हैं.

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