'विदेश नीति कोई फिल्मी सीन नहीं...', जानें- ऐसा क्यों बोले विदेश मंत्री जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'विदेश नीति किसी मूवी से ज्यादा अलग होती है. पुतिन का भारत आना उन दो देशों (यूरोप-अमेरिका) के लिए क्या अहम है, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि दिल्ली और मॉस्को के बीच क्या हुआ.'

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पुतिन के भारत दौरे को यूरोप-अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश बताया.
  • जयशंकर ने कहा, 'भारत-रूस के संबंध मजबूत हैं और दोनों देश अपनी-अपनी स्थिति के साथ सहयोग को और गहरा कर रहे हैं.'
  • उन्होंने कहा, 'भारत-US संबंधों को PM मोदी की मेहनत से मजबूती मिली है, हर US राष्ट्रपति की अलग नीति होती है.'
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत की विदेश नीति पर खुलकर चर्चा की. NDTV के CEO और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में विदेश मंत्री जयशंकर ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हालिया भारत दौरे (4-5 दिसंबर) को केंद्र में रखते हुए कहा कि यूरोप और अमेरिका में जो कुछ देखा जा रहा है, उसके लिए पुतिन का दिल्ली में होना एक बड़ा संदेश था. जयशंकर ने जोर देकर कहा, 'विदेश नीति किसी मूवी से ज्यादा अलग होती है. पुतिन का भारत आना उन दो देशों (यूरोप-अमेरिका) के लिए क्या अहम है, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि दिल्ली और मॉस्को के बीच क्या हुआ.'

उन्होंने आगे कहा कि भारत और रूस के रिश्ते मजबूत हैं और दोनों देश अपनी-अपनी स्थिति के साथ आपसी सहयोग को और गहरा कर रहे हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स (HT) लीडरशिप समिट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-रूस संबंधों और वैश्विक परिदृश्य पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा, 'रूस और भारत ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच रिश्ते हमेशा अहम रहे हैं. रूस का चीन और यूरोप के साथ संबंध भी समय-समय पर ऊपर-नीचे होते रहे हैं.'

यह भी पढ़ें- कोई देश हमारे रिश्तों पर वीटो नहीं लगा सकता..पुतिन की यात्रा पर एस जयशंकर

अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों पर जयशंकर ने कहा कि 1980, 90 और 2000 के दशक में आर्थिक संबंध बढ़े, लेकिन रक्षा क्षेत्र में प्रगति तब हुई जब न्यूक्लियर डील हुई. उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के कई यूरोपीय देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं, लेकिन वे चीन को प्राथमिक साझेदार मानते हैं.

भारत की रणनीतिक स्थिति मजबूत हो रही

जयशंकर ने कहा कि आर्थिक रिश्तों में संतुलन अभी भी पूरी तरह नहीं दिखता, लेकिन भारत अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने पर काम कर रहा है.

Advertisement

अमेरिका संग रिश्तों पर बोले विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी मेहनत की है. उन्होंने बताया कि हर अमेरिकी राष्ट्रपति का अपना तरीका होता है. जयशंकर ने कहा, 'ट्रंप का तरीका अलग है और उन्होंने खुद भी ऐसा कहा है.' उन्होंने जोड़ा कि विदेश नीति हमेशा हमारी शर्तों पर नहीं चल सकती. आज मुद्दा अमेरिका से जुड़ा है, कल किसी और देश से हो सकता है. उन्होंने कहा, 'कारोबार पर बात बन सकती है, क्योंकि यह देश की आजीविका का सवाल है. हमारे लिए वर्कर, किसान और मिडिल क्लास अहम हैं.'

यह भी पढ़ें- कोई देश हमारे रिश्तों पर वीटो नहीं लगा सकता..पुतिन की यात्रा पर एस जयशंकर

कब होगी भारत-US की ट्रेड डील? 

इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'कूटनीति में हमेशा आशावादी रहना चाहिए. यह कभी भी हो सकता है, कभी एक सप्ताह में, कभी ज्यादा समय लग सकता है. बातचीत में कोई कमी नहीं है, कई राउंड हो चुके हैं. समझौता जल्दी भी हो सकता है और देर भी.'

Advertisement

चीन के मुद्दे पर क्या बोले विदेश मंत्री?

गलवान के बाद भारत-चीन संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि अक्टूबर 2024 में कज़ान मीटिंग के बाद से सीमा पर स्थिति स्थिर है. उन्होंने कहा, 'पेट्रोलिंग पैटर्न चल रहा है, शांति बनी हुई है और यह आपसी रिश्तों को मजबूत करने के लिए जरूरी है.' उन्होंने बताया कि चीन के साथ कई मुद्दे हैं. ट्रेड, निवेश और सब्सिडी. कोविड के कारण डायरेक्ट एयर कनेक्शन बंद था, जिसे गलवान के बाद शुरू नहीं किया गया था. जयशंकर ने कहा, 'हाल ही में हमने इसे फिर से शुरू किया है.' 

यहां देखें पूरी बातचीत:

Advertisement
Featured Video Of The Day
Mumbai: Congress नेता का आरोप..'जाति पूछकर दिए जा रहे Flats' | Meera Bhayandar| Non Veg |Maharashtra