फुटबॉल चैंपियन ने भारत के लिए जीता कप, लेकिन मणिपुर अपने गांव लौटा तो नहीं मिला घर

नगमगौहौ मेट ने कहा, "मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि मेरे आसपास के लोग सुरक्षित हैं. हमारा राज्य इस बड़े पैमाने पर हिंसा से प्रभावित हुआ है और अब मुझे लगता है कि हमें शांति की उम्मीद करनी चाहिए."

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
नगामगौहौ मेट और भारतीय टीम के अन्य जनजातीय सदस्यों को गुरुवार को सम्मानित किया गया.
गुवाहाटी :

हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक युवा राष्ट्रीय फुटबॉलर देश के लिए बड़ी जीत के बाद घर लौटा, तो उसे पता चला कि अब उसे एक राहत शिविर में रहना होगा. तेंगनौपाल जिले के नगमगौहौ मेट भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान हैं, जिन्होंने पिछले हफ्ते थिम्पू में दक्षिण एशियाई फुटबॉल फेडरेशन (South Asian Football Federation) अंडर-16 चैंपियन का खिताब जीता था. हालांकि मेट जब घर लौटे तो उन्हें पता चला कि अब उनका घर नहीं बचा है और मेट के माता-पिता को उनका स्‍वागत कांगपोकपी जिले के एक राहत शिविर में करना पड़ा, क्‍योंकि जातीय हिंसा के शुरुआती चरण में उनका घर जला दिया गया था.

बावजूद इसके युवा भारतीय अंडर-16 कप्तान का कहना है कि "रहने के लिए कोई घर नहीं" होने के बाद भी वह मणिपुर में शांति की आशा करते हैं.

मेट ने कहा, "मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि मेरे आसपास के लोग सुरक्षित हैं. हमारा राज्य इस बड़े पैमाने पर हिंसा से प्रभावित हुआ है और अब मुझे लगता है कि हमें शांति की उम्मीद करनी चाहिए."

नगमगौहौ मेट और भारतीय टीम के अन्य आदिवासी सदस्यों को गुरुवार को कांगपोकपी में सम्मानित किया गया, जहां उनके पास शेष मणिपुर के लिए एक संदेश था. 

लेफ्ट-बैक खेलने वाले भारतीय अंडर-16 फुटबॉल टीम के सदस्य वुमलेनलाल हैंगशिंग ने कहा, "हम अपने मैतेई टीम के साथियों से प्यार करते हैं. हम मिलनसार हैं और जैसे हमने साथ में ट्रॉफी जीती, हम मणिपुर में शांति चाहते हैं."

23 सदस्यीय टीम में 15 सदस्‍य मणिपुर से हैं. 

ये भी पढ़ें :

* "अपराध की कोई फुसफुसाहट भी नहीं..": एडिटर्स गिल्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट
* मणिपुर : नफरत की खाई पाटकर 'टीम' बने मैतेई-कुकी समुदाय के 2 लड़के, भारत को जिताई फुटबॉल चैंपियनशिप
* "द एंग्लो-कुकी वॉर 1917-1919" के लेखक को सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा दी, मणिपुर पुलिस ने दर्ज किया था केस

Advertisement
Featured Video Of The Day
Navratri 2025: गरबे पर क्यों मचा है सियासी तूफ़ान? | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon