कांवड़ यात्रा मार्ग में दुकान पर फूड लाइसेंस जरूरी, वरना 2 लाख का होगा जुर्माना

11 जुलाई 2025 से शुरू होने वाली कावड़ यात्रा में दिल्ली उत्तर प्रदेश हरियाणा हिमाचल राजस्थान और पंजाब से करोड़ों यात्री हरिद्वार में गंगाजल और स्नान करने पहुंचते हैं. ऐसे में उत्तराखंड आने वाले तमाम कावड़ यात्रा मार्गों पर कावड़ियों को शुद्ध भोजन मिले इसके लिए राज्य सरकार ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

उत्तराखंड सरकार का कावड़ यात्रा को लेकर बड़ा ऐलान किया है, जिसमें कावड़ यात्रा मार्ग में बिना लाइसेंस खाद्य सामग्री बेचने वाली दुकानों पर कड़ी कार्रवाई होगी. राज्य सरकार ने कहा है कि कांवड़ यात्रा मार्ग में  दुकान पर फूड लाइसेंस प्रमुखता से प्रर्दशित करना जरूरी जो इसका पालन नहीं करेगा उसे पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 2 लाख तक का जुर्माना किया जाएगा.

श्रद्धा और आस्था के महापर्व कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर उत्तराखंड सरकार ने कमर कस ली है. 11 जुलाई 2025 से शुरू होने वाली कावड़ यात्रा में दिल्ली उत्तर प्रदेश हरियाणा हिमाचल राजस्थान और पंजाब से करोड़ों यात्री हरिद्वार में गंगाजल और स्नान करने पहुंचते हैं. ऐसे में उत्तराखंड आने वाले तमाम कावड़ यात्रा मार्गों पर कावड़ियों को शुद्ध भोजन मिले इसके लिए राज्य सरकार ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसको लेकर मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने एक सख्त और समर्पित कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत लाखों श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए व्यापक निगरानी अभियान चलाया जाएगा. कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए शासन ने सख्त व्यवस्था लागू कर दी है.

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर राजेश कुमार ने कहा इस संबंध में यात्रा मार्गों पर मौजूद सभी होटल, ढाबा, ठेली और अन्य खाद्य कारोबारियों को कुछ जरूरी निर्देश दिए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है, हर खाद्य कारोबारी को अपने लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र की एक साफ-सुथरी प्रति अपने प्रतिष्ठान में प्रमुख जगह पर लगानी होगी, ताकि उपभोक्ता उसे आसानी से देख सकें. छोटे व्यापारियों व ठेले-फड़ वालों को भी अपना पंजीकरण प्रमाण पत्र अपने पास रखना और प्रदर्शित करना जरूरी होगा. होटल, भोजनालय, ढाबा और रेस्टोरेंट में 'फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड' भी साफ-साफ दिखाई देने वाले स्थान पर लगाया जाना चाहिए, जिससे ग्राहक को यह पता चल सके कि खाने की गुणवत्ता की जिम्मेदारी किसकी है. जो कारोबारी ये निर्देश नहीं मानेंगे, उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें ₹2 लाख तक का जुर्माना लग सकता है. सभी संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन आदेशों का कड़ाई से पालन हो. श्रद्धालुओं की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

Advertisement

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर. राजेश कुमार ने कहा कांवड़ यात्रा के दौरान पंडालों, भंडारों और अन्य भोजन केंद्रों पर परोसे जा रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. मिलावटखोरों और मानकों से खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यात्रियों की सेहत हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.

Advertisement

अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन  ताजबर सिंह जग्गी ने कहा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की विशेष टीमें हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी जिलों में तैनात की गई हैं. ये टीमें नियमित रूप से पंडालों से दूध, मिठाई, तेल, मसाले, पेय पदार्थ आदि के नमूने लेंगी और जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजेंगी. अगर कोई नमूना मानकों पर खरा नहीं उतरता तो संबंधित स्थल को तत्काल बंद कर दिया जाएगा. अपर आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना लाइसेंस खाद्य व्यवसाय करने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. मिलावट या नियम उल्लंघन करने वालों को आर्थिक दंड के साथ-साथ आपराधिक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा.

Advertisement

अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) माध्यमों से जनता और संचालकों को शुद्ध भोजन की पहचान, खाद्य नियमों और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा. इसके लिए बैनर, पोस्टर, पर्चे और सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है. सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 18001804246 पर कोई भी व्यक्ति खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर शिकायत दर्ज कर सकता है. शिकायत पर प्रशासनिक टीमें तुरंत मौके पर जाकर कार्रवाई करेंगी.

Advertisement

उत्तराखंड शासन ने सभी धार्मिक संस्थाओं, भंडारा संचालकों और खाद्य विक्रेताओं से अपील की है कि वे श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए केवल शुद्ध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन परोसें. सरकार की मंशा है कि श्रद्धा और स्वास्थ्य दोनों का संतुलन इस पावन यात्रा में बना रहे.

Featured Video Of The Day
BREAKING NEWS: Mali में आतंकी हमलों के बीच 3 भारतीयों का अपहरण, सरकार ने की रिहाई की अपील
Topics mentioned in this article