चारा घोटाला : लालू यादव की जमानत के खिलाफ CBI की अर्जी पर सुनवाई 17 अक्टूबर तक टली

कोर्ट ने कहा है कि 17 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे. सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि लालू ने 42 महीने जेल में काटे हैं.

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सुनवाई 17 अक्टूबर तक टली

सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता लालू प्रसाद यादव को जमानत देने को चुनौती देने वाली सीबीआई की अपील पर अक्टूबर में सुनवाई तय की है. फिलहाल चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत के खिलाफ अर्जी पर SC में सुनवाई टल गई है. कोर्ट ने कहा है कि 17 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे. सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि लालू ने 42 महीने जेल में काटे हैं. उनकी किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. लालू प्रसाद यादव ने जमानत रद्द करने की सीबीआई की याचिका का विरोध किया और कहा है कि सीबीआई की याचिका खारिज की जाए.

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जवाब में लालू यादव का कहना है कि सजा निलंबित करने के हाईकोर्ट के आदेश को केवल इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि सीबीआई इस फैसले से असंतुष्ट है. हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हाईकोर्ट का फैसला सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के कारण बताते हुए कहा है कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का कोई मकसद पूरा नहीं होगा.

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दरअसल, लालू प्रसाद यादव की ज़मानत को रद्द करने की सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है. CBI ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है. सीबीआई ने दुमका, डोरंडा और चाईबासा और देवघर मामलों में जमानत को चुनौती दी है.

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बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने CBI की याचिका को मूल याचिकाओं के साथ जोड़ दिया था. CBI ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव को मिली जमानत रद्द करने की मांग की है. सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के ज़मानत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट चुनौती दी है. लालू को झारखंड के डोरंडा कोषागार मामले में जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. लालू यादव को डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में पांच साल की सजा सुनाई थी, 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा था. चारा घोटाले में लालू यादव को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था. अब सब मामलों की सुनवाई साथ साथ एक ही पीठ के समक्ष होगी.

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चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. चार अप्रैल 2022 को लालू यादव को दो मामलों में मिली जमानत के खिलाफ सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया था. दुमका और चाईबासा कोषागार केस में झारखंड हाईकोर्ट के जमानत जमानत के खिलाफ अपील की गई है. कोर्ट ने लालू यादव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. दरअसल, सीबीआई ने झारखंड HC के जमानत देने वाले के आदेशों को चुनौती दी है. सीबीआई ने कहा है कि जमानत आदेश का आधार गलत है. लालू यादव ने अपेक्षित समय जेल में नहीं बिताया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि जमानत की अर्जी मंजूर करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि लालू यादव पहले ही सजा का आधा हिस्सा काट चुके हैं.

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CBI ने लालू यादव को लेकर दिए गए झारखंड हाईकोर्ट के दो फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. दरअसल झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि गुजर जाने को आधार पर जमानत दे दी थी और सजा को निलंबित कर दिया था. सीबीआई ने हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. झारखंड हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल, 2021 को चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार मामले में प्रसाद को सजा की आधी अवधि पूरी होने पर जमानत दे दी थी.  इससे जेल से उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ था. 

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शीर्ष अदालत ने 9 अक्टूबर, 2020 को चारा घोटाला मामले में चाईबासा कोषागार से धन की अवैध निकासी से जुड़े एक मामले में भी प्रसाद को जमानत दे दी थी. दुमका मामले में 24 मार्च, 2018 को प्रसाद को 14 साल की जेल की सजा सुनाते हुए रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत क्रमश: 60 लाख रुपये व 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. यह मामला 1990 के दशक की शुरुआत में दुमका कोषागार से धोखाधड़ी से 3.13 करोड़ रुपये निकालने से जुड़ा है. झारखंड हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल 2021 और 9 अक्टूबर 2020 को लालू यादव को अलग-अलग मामले में जमानत दी थी.  सीबीआई ने जमानत दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. चार अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई का फैसला किया था और लालू यादव को नोटिस जारी किया था.

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