पूर्वोत्तर भारत के आसमान में घिर आए काले बादल अब लोगों की जिंदगी पर कहर बनकर टूट पड़े हैं। छह राज्यों में भारी बारिश के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं. हर तरफ सिर्फ पानी... पानी और तबाही का मंजर है. ब्रह्मपुत्र समेत 10 नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान को लांघ चुकी हैं. लोग जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं. राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं.
गांव के गांव पानी में समा गए हैं. खेत, सड़कें और घर सब डूब चुके हैं. लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से पंगु कर दिया है. बाढ़ग्रस्त इलाकों से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, वो रूह कंपा देने वाले हैं. कहीं मासूम बच्चे बहते हुए पानी से बचाए जा रहे हैं, तो कहीं छतों पर फंसे लोग मदद की गुहार लगाते दिखाई दे रहे हैं.
असम की जीवनरेखा मानी जाने वाली ब्रह्मपुत्र नदी इस समय खतरनाक रूप में है. डिब्रूगढ़, निम्माटीघाट सहित कई जगहों पर ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. केवल ब्रह्मपुत्र ही नहीं बल्कि 10 से ज्यादा नदियां उफान पर हैं. नतीजतन, हजारों गांवों में पानी भर चुका है और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं.
बचाव कार्यों में सेना, वायुसेना और NDRF के जवान दिन-रात जुटे हैं. भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर लगातार बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए उड़ान भर रहे हैं. सैकड़ों राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां लोगों को अस्थाई रूप से शरण दी जा रही है. असम रायफल्स के जवानों को भी मौके पर लगाया गया है.
अब तक करीब 3.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं. हजारों परिवारों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. स्कूल, कॉलेज और दफ्तर बंद कर दिए गए हैं. सड़कों पर गाड़ियों की जगह नावें चल रही हैं. प्रशासन ने अगले कुछ दिनों के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया है, क्योंकि मौसम विभाग ने बारिश का सिलसिला जारी रहने की चेतावनी दी है.
असम में 19 जिलों के 764 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. करीब 3.6 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. असम में अब तक बाढ़ और भूस्खलन से 10 लोगों की मौत हो चुकी है. ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़ और नीमतिघाट समेत कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसके अलावा पांच अन्य नदियों का जलस्तर भी खतरे के स्तर को पार कर चुका है. 10 हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आगाह किया कि राज्य और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश के कारण निचले इलाकों और नदी के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए स्थिति अधिक खराब होने की आशंका है.
ये भी पढ़ें-: पूर्वोत्तर में आफत की बारिश, छह राज्यों में तबाही, बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 34 की मौत