ओडिशा (Odisha) में पिछले 15 दिन में डायरिया (diarrhea) और अन्य जलजनित बीमारियों (waterborne diseases) के लगभग 900 मामले सामने आए हैं. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. बता दें कि महानदी और सुवर्णरेखा नदी में दोहरी बाढ़ के कारण करीब 100 गांव अब भी जलमग्न हैं. जन स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्रा के मुताबिक, 14 बाढ़ प्रभावित जिलों में कुल 10 लाख लोग आपदा के कारण प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार को सांप के कांटने के 88 मामलों की जानकारी मिली है.मिश्रा ने बताया कि सांप के कांटने से संबंधित घटनाओं में किसी व्यक्ति की मौत की खबर नहीं है और हर प्रखंड (ब्लॉक) में विष-रोधी दवाएं उपलब्ध हैं. मिश्रा ने दावा किया, ''फिलहाल स्थिति चिंताजनक नहीं है.''उन्होंने हाल ही में डायरिया से जान गंवाने वाले मरीजों की संख्या की पुष्टि नहीं की. उन्होंने कहा, ''इसके कारण की जांच अब नहीं की गई है''.
अधिकारी ने बताया कि राज्य में मूसलाधार बारिश के चलते पिछले एक पखवाड़े में 14 जिलों से जलजनित बीमारियों के 900 मामले सामने आए हैं. उन्होंने बताया, डायरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित कोरापुट और रायगढ़ इलाकों में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. जिले के एक अधिकारी ने बताया कि कोरापुट में पिछले एक सप्ताह में करीब 70 लोग संक्रमित हुए हैं और अभी 21 उपचाराधीन मरीज मौजूद हैं. जुलाई के अंत में शुरू हुए इस प्रकोप के कारण कईं जिलों में डायरिया से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो गए.
पिछले दो सप्ताह से लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ से प्रभावित जिलों से डायरिया के मामले सामने आ रहे हैं. बाढ़ प्रभावित गांवों में ताजे पेयजल स्रोतों की कमी के बीच लोग कथित तौर पर दूषित पानी पीने को मजबूर थे. ज्ञात हो कि दूषित पानी के सेवन से हैजा और पीलिया जैसी जलजनित बीमारियां फैलने का खतरा रहता है. अधिकारी ने लोगों से आग्रह किया है कि पानी उबालकर या 'हैलोजन' की गोलियों का उपयोग करके ही पीएं. दरअसल 'हैलोजन' एक प्रकार की गोली है, कीटाणुनाशक के रूप में काम करती है, इसके द्वारा दूषित पानी को पीने योग्य बनाया जा सकता है. मिश्रा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 350 चिकित्सा राहत केंद्र और 120 मोबाइल चिकित्सा दल सक्रिय हैं. यहां 10 लाख 'हैलोजन' की गोलियों और दो लाख मौखिक पुनर्जलीकरण नमक (ओआरएस) पाउच वितरित किए गए हैं.