उत्तरी ओडिशा में बाढ़ की स्थिति से हालात बिगड़े, करीब 10 लाख लोग प्रभावित

उत्तरी ओडिशा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति सोमवार को गंभीर हो गई. वहीं नदियों के उफान से निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे कम से कम 134 गांवों के लोग डूब गए. उत्तर ओडिशा की बाढ़ से बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर और भद्रक जिलों के 251 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि प्रभावित आबादी की कुल संख्या 9.66 लाख को पार कर गई है. 

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नई दिल्ली:

ओडिशा में भी पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश की वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बड़ी संख्या में लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा है. बारिश की वजह से राज्य में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हुई है. इसके अलावा सड़क के बुनियादी ढांचे को भी नुकसान हुआ है. अधिकारियों ने जानकारी दी कि बालासोर सहित उत्तरी ओडिशा के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति सोमवार को गंभीर हो गई. वहीं नदियों के उफान से निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे कम से कम 134 गांवों के लोग डूब गए.

उत्तर ओडिशा की बाढ़ से बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर और भद्रक जिलों के 251 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि प्रभावित आबादी की कुल संख्या 9.66 लाख को पार कर गई है. ओडिशा पहले से ही पूर्व में एक मध्यम बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहा था, जिसमें महानदी नदी उफान पर थी और धान के खेतों और गांवों में पानी भर गया था. अधिकारियों के अनुसार, दोहरी बाढ़ में कम से कम 6.4 लाख लोग फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्तमान में 440 राहत केंद्रों का संचालन कर रही है, जहां 1.71 से अधिक लोगों को पका हुआ भोजन खिलाया जा रहा है.

बालासोर और मयूरभंज जिलों के अधिकारियों ने रविवार को लोगों को संवेदनशील क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू अभियान शुरू किया था. बाढ़ का पानी गांवों में घुसने के बाद भी निकासी की प्रक्रिया जारी रही. ओडिशा के जल संसाधन मंत्री तुकुकी साहू ने शाम को कहा कि सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर हालांकि धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन अब भी यह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मंत्री ने कहा कि बालासोर के बलियापाल, भोगराई, बस्ता और जलेश्वर ब्लॉक के कई गांव जलमग्न हो गए हैं. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बालासोर में खेतों और रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर गया है.

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जाजपुर जिले में बैतरणी नदी का पानी दशरथपुर और कोरेई सहित कई प्रखंडों में पानी भर गया. बालासोर के जिला कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने कहा, "बालासोर जिले की 83 ग्राम पंचायतों के लगभग 156 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए. प्रशासन ने सोमवार दोपहर तक 40,000 लोगों को निकाला है. जिन्हें 227 अस्थायी सेंटर में रखा गया है." मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार ने बालासोर, मयूरभंज, भद्रक, क्योंझर और जाजपुर जिलों के बाढ़ में फंसे लोगों के लिए सात दिन के राहत पैकेज की घोषणा की है.

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मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को प्रभावी प्रशासन के लिए बालासोर जिले के कलेक्टर को विशेष राहत आयुक्त के अधिकार सौंपे थे. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए उनके पास एक हेलीकॉप्टर भी रखा गया. इस बीच, आईएमडी ने मंगलवार और बुधवार को बालासोर में और बारिश की भविष्यवाणी की है. जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता बीजे मिश्रा ने कहा, "हम आईएमडी के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई करेंगे."मिश्रा ने यह भी कहा कि महानदी डेल्टा क्षेत्र में बाढ़ अच्छी तरह से नियंत्रण में है, हालांकि कई गांव अभी भी "बहुत धीमी गति से पानी के निर्वहन" के कारण डूबे हुए हैं.

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