अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आधी रात से ही श्रद्धालुओं का दर्शन के लिए जमावड़ा लगने लगा था और मंगलवार देर शाम तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान राम के बाल स्वरूप का दर्शन कर चुके थे. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर कई बार भीड़ काबू से बाहर होती दिखी लेकिन पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया और लोगो को कतार में खड़ा करवाकर भगवान राम के दर्शन कराये.
सूचना निदेशक शिशिर ने मंगलवार देर शाम जारी एक बयान में बताया,‘‘आज पांच लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किये हैं.'' इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर शाम सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर जारी पोस्ट में बताय,''आज श्री अयोध्या धाम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया. इस अवसर पर संबंधित अधिकारियों को पूज्य साधु-संतों व श्रद्धालुओं हेतु प्रभु श्री रामलला के सुलभ एवं सहज दर्शन के साथ ही सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.''
दूसरी ओर श्रद्धालुओं के समूह छोटी-छोटी गलियों, रेलवे पटरियों, खेतों से अयोध्या में प्रवेश कर रहे हैं जबकि कुछ सरयू नदी पार कर नगर में प्रवेश कर रहे हैं. चश्मदीद ने बताया कि जब भीड़ अयोध्या प्रशासन के नियंत्रण से बाहर जाती दिखी तब प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद और विशेष पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भीड़ प्रबंधन की कमान खुद संभाल ली. पुलिस महानिरीक्षक (अयोध्या) प्रवीण कुमार ने कहा, ‘‘रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या में बड़ी भीड़ उमड़ी है, हमारा पुलिस बल भक्तों को प्रबंधित करने के लिए चौबीसों घंटे व्यस्त है.''
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राम मंदिर की व्यवस्था देखने के लिए अयोध्या का दौरा किया. मंदिर के कपाट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद आम भक्तों के लिए खोल दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जाने के कुछ घंटों बाद ही करीब दस लाख श्रद्धालु अयोध्या में प्रवेश करने में कामयाब रहे.
इस बीच, गोंडा, बस्ती और अंबेडकरनगर की सड़कों पर कुछ किलोमीटर तक तब लंबा ट्रैफिक जाम लग गया जब पुलिस ने अयोध्या की ओर जाने वाली सभी सड़कों को पूरी तरह से बंद कर दिया, यहां तक कि पैदल यात्रियों को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई. आयुक्त गौरव दयाल, पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी नितीश कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरके नैय्यर समेत अयोध्या प्रशासन के सभी अधिकारी अयोध्या की विभिन्न सड़कों पर तैनात होकर भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं.
मंगलवार को जनता के लिए राम जन्मभूमि मंदिर के कपाट खुलने से कुछ घंटे पहले ही लोग कतार में खड़े हो गए. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सुरक्षा में जो सुरक्षा बल तैनात किए गए थे, उन्हें बहाल करना पड़ा और अयोध्या शहर की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी गई. मंगलवार की सुबह केवल पैदल यात्रियों को अंदर जाने की अनुमति थी, लेकिन दोपहर होते-होते पैदल यात्रियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया.
लगभग सभी श्रद्धालु अयोध्या के आसपास के जिलों विशेषकर बस्ती, गोंडा, बाराबंकी, सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर से हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तुरंत बाद जैसे ही यातायात प्रतिबंधों में ढील दी गई, विभिन्न निकटवर्ती क्षेत्रों से लोग आधी रात ही अयोध्या की ओर चल पड़े. भीड़ में अयोध्या के निवासी और विभिन्न मंदिरों के साधु भी शामिल थे.
अयोध्या पुलिस और अयोध्या प्रशासन ने बहुत ही प्रबंधित और पेशेवर तरीके से भीड़ को संभाला और भक्तों के लिए राम मंदिर में दर्शन के लिए सुरक्षित मार्ग बनाए, लेकिन भीड़ मिनट दर मिनट बढ़ती देखी गई, जिससे प्रशासन और पुलिस बल में हड़कंप मच गया. पुलिस महानिरीक्षक, अयोध्या, प्रवीण कुमार ने कहा, 'राम लला के दर्शन के लिए अयोध्या में बड़ी भीड़ उमड़ी है, हमारा पुलिस बल भक्तों को प्रबंधित करने के लिए चौबीसों घंटे व्यस्त है'
सूचना निदेशक शिशिर ने इससे पहले दोपहर में ‘पीटीआई-भाषा' को बताया था कि आम श्रद्धालुओं के लिए खोले गए मंदिर की व्यवस्था देखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हवाई मार्ग से अयोध्या पहुंचे हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री मंदिर भी जाएंगे.'' उन्होंने बताया था कि मंगलवार को रामलला के नवीन विग्रह की करीब ढाई से तीन लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं और इतने ही लोग दर्शन के इंतजार में हैं.
शिशिर ने कहा था, ‘‘दोपहर तक ढाई से तीन लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर चुके हैं और इतनी ही संख्या में श्रद्धालु शेष हैं. आठ हजार से अधिक पुलिसकर्मी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं और सब कुछ नियंत्रण में है.' अयोध्या पुलिस ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही उन अफवाहों का खंडन किया है कि भारी भीड़ के कारण मंदिर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
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