नामीबिया से भारत लाए जाने वाले चीतों का फर्स्ट लुक न्यूज एजेंसी एएनआई ने आज ट्विटर पर शेयर किया. एक मिनट के लंबे वीडियो में दो चीतों को एक पेड़ के नीचे आराम फरमाते हुए दिखाया गया है. मध्य प्रदेश का कूनो-पालपुर राष्ट्रीय पार्क (केपीएनपी) भारत और नामीबिया के बीच इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत आठ चीतों का स्वागत करने के लिए तैयार है. एक मालवाहक विमान से आठ चीते 17 सितंबर को राजस्थान के जयपुर ले जाए जाएंगे. इनमें पांच मादा और तीन नर चीते हैं. इसके बाद जयपुर से वे हेलीकॉप्टर से मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में अपने नए बसेरे कुनो राष्ट्रीय उद्यान ले जाए जाएंगे. पीएम मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के मौके पर मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में इन चीतों को छोड़ेंगे.
बता दें कि चीतों को भारत ले जा रहे विमान में कुछ बदलाव किए गए हैं ताकि उसके मुख्य केबिन में पिंजरों को सुरक्षित रखा जाए. उड़ान के दौरान पशु चिकित्सक चीतों पर पूरी तरह नजर रख सकेंगे. विमान को एक चीते की तस्वीर के साथ पेंट किया गया है. यह विशाल विमान 16 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है और इसलिए ईंधन भरवाने के लिए कहीं रुके बिना नामीबिया से सीधे भारत जा सकता है.
भारतीय वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया था कि चीतों को हवाई यात्रा के दौरान खाली पेट रहना होगा. लंबी दूरी की यात्रा में यह एहतियात बरतना आवश्यक है क्योंकि इससे पशुओं को मिचली जैसी दिक्कत हो सकती है, जिससे अन्य समस्याएं भी पैदा होने की आशंका है. गौरतलब है कि भारत सरकार ने 1952 में देश में चीतों को विलुप्त करार दे दिया था. छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल वन में 1948 में आखिरी चीता दिखा था. भारत ने 1970 के दशक से ही इस प्रजाति को फिर से देश में लाने के प्रयास शुरू कर दिए थे और इसी दिशा में उसने नामीबिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. नामीबिया ने भारत को आठ चीते दान में दिए हैं.