अमेरिका से तहव्वुर राणा का सफलतापूर्वक प्रत्यर्पण : NIA का बयान

NIA On Tahawwur Rana: राणा पर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाउद गिलानी और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के आतंकवादियों के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित अन्य सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर 2008 में मुंबई में हुए विनाशकारी आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

NIA On Tahawwur Rana: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण सफलतापूर्वक करवा लिया. एनआई ने इसके बाद कहा कि यह सफलता 2008 की तबाही के मुख्य साजिशकर्ता को न्याय के कठघरे में लाने के लिए कई वर्षों के निरंतर और ठोस प्रयासों के बाद मिली. राणा को उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत शुरू की गई कार्यवाही के तहत अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था. राणा द्वारा प्रत्यर्पण को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाने के बाद आखिरकार प्रत्यर्पण हो गया.

एनआईए ने बताया कैसे राणा को लाई

एनआईए ने कहा कि कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 16 मई 2023 को उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था. इसके बाद राणा ने नौवें सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में कई मुकदमे दायर किए, जिनमें से सभी को खारिज कर दिया गया. इसके बाद उसने एक रिट ऑफ सर्टिओरी, दो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन दायर किया, जिसे भी खारिज कर दिया गया. भारत द्वारा अंततः अमेरिकी सरकार से वांछित आतंकवादी के लिए आत्मसमर्पण वारंट हासिल करने के बाद दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की गई थी. यूएसडीओजे, यूएस स्काई मार्शल की सक्रिय सहायता से, एनआईए ने पूरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों, एनएसजी के साथ मिलकर काम किया, जिसमें भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने मामले को सफल निष्कर्ष तक ले जाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय किया.

तहव्वुर हुसैन राणा पर एनआईए के आरोप

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि राणा पर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाउद गिलानी और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के आतंकवादियों के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित अन्य सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर 2008 में मुंबई में हुए विनाशकारी आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है. घातक हमलों में कुल 166 लोग मारे गए और 238 से अधिक घायल हुए.भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एलईटी और एचयूजेआई दोनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi के Azadpur में फल विक्रेता पर नकाबपोश बदमाशों ने चाकू से किया हमला| BREAKING NEWS