पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू में नए मतदाताओं के पंजीकरण संबंधी निर्वाचन आयोग के आदेश की आलोचना करते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को धार्मिक व क्षेत्रीय स्तर पर बांटने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कथित प्रयासों को ‘विफल ' किया जाना चाहिए क्योंकि ‘चाहे वह कश्मीरी हो या डोगरा, हमारी पहचान और अधिकारों की रक्षा तभी संभव होगी जब हम एकसाथ आकर कोशिश करेंगे. '
महबूबा ने ट्वीट किया कि निर्वाचन आयोग ने आदेश में नए मतदाताओं के पंजीकरण को मंजूरी देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू में भारत सरकार औपनिवेशिक सोच के तहत मूल निवासियों को विस्थापित कर नए लोगों को बसाने के लिए कार्रवाई कर रही है.
जम्मू में अधिकारियों ने मंगलवार सुबह अधिकृत तहसीलदारों (राजस्व अधिकारियों) को एक वर्ष से अधिक समय से शीतकालीन राजधानी में रहने वाले लोगों को आवासीय प्रमाणपत्र जारी करने को कहा था, ताकि मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन में इन लोगों के नाम शामिल हो पाएं.
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त (जम्मू) अवनी लवासा ने पाया था कि कुछ पात्र मतदाता आवश्यक दस्तावेजों ना होने की वजह से मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं. इस समस्या पर गंभीरता से गौर करने के बाद उन्होंने यह निर्देश दिया.
नए मतदाताओं के पंजीकरण, मतदाता सूची से कुछ लोगों के नाम हटाने, सूची में सुधार करने के लिए 15 सितंबर से केंद्र शासित प्रदेश में मतदाना सूची का विशेष सारांश संशोधन शुरू किया गया था. कई राजनीति दलों ने मतदाता सूची में 'गैर-स्थानीय' लोगों को शामिल करने को लेकर चिंता जाहिर की है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने कहा कि भाजपा चुनाव से ‘डरी' हुई है और उसे पता है कि उसकी बड़ी हार होगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ट्वीट किया, ‘सरकार जम्मू-कश्मीर में 25 लाख गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता बनाने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रही है. हम इस कदम का विरोध करना जारी रखेंगे. भाजपा चुनाव से डरी हुई है और उसे पता है कि उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा. जम्मू-कश्मीर के लोगों को चुनाव में इस साजिश का जवाब देना चाहिए.'