कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ मध्य प्रदेश में एक FIR दर्ज किया गया. यह FIR बीते दिनों अधीर रंजन चौधरा द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गई टिप्पणी को लेकर कराई गई है. FIR मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे की शिकायत पर दर्ज हुई है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ डिंडोरी थाने में FIR दर्ज कराई गई है. अब इस FIR को नई दिल्ली के संसद मार्ग थाने में भेज दिया गया है. बता दें कि बीते शुक्रवार को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने 'राष्ट्रपत्नी' शब्द को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से माफी मांगी थी.
उन्होंने शुक्रवार को राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर उनसे माफी मांगी. अपने पत्र में उन्होंने कहा था कि वो शब्द मुझसे गलती से निकल गए थे. और अगर मैं ये कहूं कि मेरी जुबान फिसल गई थी तो गलत नहीं होगा. अधीर रंजन चौधरी के 'राष्ट्रपत्नी' वाले बयान को लेकर संसद में खूब बवाल मचा था. सत्ता पक्ष के नेता कांग्रेस नेता से मांग कर रहे थे कि वो राष्ट्रपति से अपने बयान को लेकर माफी मांगे.
राष्ट्रपति को लेकर अपने आपत्तिजनक बयान पर मचे विवाद को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कुछ दिन पहले ही एनडीटीवी टीवी से खास बातचीत की थी. उस दौरान उन्होंने कहा था कि सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहूंगा कि बीजेपी राई को पहाड़ बना रही है. सदन के अंदर कामकाज ठप पड़ा हुआ है. महंगाई पर हम चर्चा की मांग कर रहे हैं. बेरोजगारी के मुद्दे पर सदन में आंदोलन कर रहे हैं. बाहर भी अग्निपथ को लेकर हम सदन में चर्चा चाहते हैं. ईडी, सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर बात करना चाहते हैं. लगातार सदन में हम मांग कर रहे हैं, इसके लिए हमें लगा कि चलो एक बार राष्ट्रपति जी से मिलकर अपनी बात रखें. वह देश की सर्वोच्च और सदन की सर्वोच्च हैं, चाहे लोकसभा हो या राज्यसभा. उनके बुलाए पर ही हम यहां आते हैं. हम लोग विजय चौक से उनकी तरफ यानी राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च करने की कोशिश की, इस दौरान हमें हिरासत में ले लिया गया.
उन्होंने आगे कहा था कि जब हम आंदोलन कर रहे हैं तो उस वक्त किसी पत्रकार ने पूछा कि कहां जाना चाहते हैं तो हमने कहा कि हम राष्ट्रपति के पास जाना चाहते हैं, मेरे मुंह से 'राष्ट्रपत्नी' निकल गया. यह चूक हो गई. बांग्ला भारतीय आदमी हूं, हिंदी भाषी तो हूं नहीं, मुंह से निकल गया, हमारे इरादे में कोई खोट नहीं थी, वह देश के सर्वोच्च पद पर हैं, हम उनका सम्मान करते हैं. आज सदन में भी हमें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया था. सत्तारूढ़ पार्टी मेरे खिलाफ आरोप लगाती है और सदन को ठप कर देते हैं.