CM योगी के खिलाफ दोबारा याचिका दायर करने पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया

अदालत ने कहा, “इस पहलू की जांच करना राज्य पर निर्भर है. हालांकि यह अदालत आगे कुछ नहीं कहना चाहती और न ही इस संबंध में कोई निर्देश देना चाहती है.”

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
CM योगी के खिलाफ दोबारा याचिका दायर करने पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया
प्रयागराज:

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2007 के गोरखपुर दंगा मामले का उच्चतम न्यायालय द्वारा पटाक्षेप किए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दोबारा याचिकाएं दायर करने के लिए परवेज परवाज और अन्य पर बुधवार को एक लाख रुपये का उदाहरणात्मक अर्थ दंड लगाया.

गोरखपुर में 27 जनवरी, 2007 के दौरान मुहर्रम के एक जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प में एक हिंदू युवक की मृत्यु हो गई थी. स्थानीय पत्रकार परवाज ने 26 सितंबर, 2008 को एक मामला दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ उस युवक की मौत का बदला लेने का भाषण दिया था. इस भाषण का उसके पास कई वीडियो हैं.

इसके बाद, राज्य सरकार ने मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से मना कर दिया था. आवेदक ने सरकार के इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था. बाद में उसने उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसे उच्चतम न्यायालय ने भी खारिज कर दिया था.

आवेदक ने 11 अक्टूबर, 2022 के निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने गोरखपुर दंगा मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ दायर आपत्ति याचिका खारिज कर दी थी.

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार ने परवाज और अन्य की याचिका सीआरपीसी की धारा 482 (उच्च न्यायालय में निहित अधिकार) के तहत खारिज करते हुए एक लाख रुपये अर्थदंड लगाया. इसे सेना कल्याण कोष में चार सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया. यह अर्थदंड जमा नहीं करने पर इसकी वसूली याचिकाकर्ता की संपत्ति से भू राजस्व के बकाया के तौर पर की जाएगी.

अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता खुद कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है और वह 2007 से इस मामले को लड़ता रहा है. उसने निचली अदालत, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में इस मामले की पैरवी के लिए वकीलों पर भारी रकम खर्च की होगी.”

Advertisement

अदालत ने कहा, “इस मुकदमे को लड़ने के लिए उसके संसाधन, जांच का विषय होने चाहिए. अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल की इस बात में दम है कि प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ काम कर रही ताकतों द्वारा इसे खड़ा किया गया है जो प्रदेश और देश की प्रगति नहीं चाहती हैं.”

अदालत ने कहा, “इस पहलू की जांच करना राज्य पर निर्भर है. हालांकि यह अदालत आगे कुछ नहीं कहना चाहती और न ही इस संबंध में कोई निर्देश देना चाहती है.”

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Bihar Assembly SIR Controversy: बिहार SIR पर बड़ी खबर, 52.30 लाख मतदाताओं पर छंटनी का खतरा
Topics mentioned in this article