गोवा की राजनीति में आम आदमी पार्टी ने अब खुला ऐलान कर दिया है, राज्य को डर, अराजकता से आजद कराना ही 'आप' का अगला मिशन है. गोवा कभी शांति, भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक माना जाता था. लेकिन बीजेपी के शासन में हालात तेजी से बदल गए हैं. अपराध तेजी से बढ़े हैं, आम लोगों का डर भी. गोवा पुलिस के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि पिछले 6 सालों में गंभीर अपराधों में 38% से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है.
आदमी पार्टी के मुताबिक 2017 में जहां करीब 2,900 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2024 में यह संख्या 4,050 से ज़्यादा तक पहुंच गई. महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 40% से अधिक का इज़ाफा हुआ है. सिर्फ पिछले एक साल में ही 120 से ज़्यादा हत्या या हत्या के प्रयास, 350 से अधिक महिलाओं पर हमले, और 800 से अधिक चोरी-लूट के मामले दर्ज किए गए हैं.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी की राजनीति सिर्फ़ डर पर नहीं टिकी है, बल्कि वह गोवा की ज़मीन और पहचान को भी बेच रही है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में 3,200 एकड़ से अधिक सरकारी और सामुदायिक ज़मीन निजी कंपनियों और बिल्डरों को सौंप दी गई है. इनमें से कई सौदे बिना स्थानीय लोगों की सहमति के किए गए. पार्टी का आरोप है कि बीजेपी विकास के नाम पर गोवा को बेच रही है, और जो भी इस लूट के खिलाफ आवाज़ उठाता है, उसे धमकाया जाता है.
आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि बीजेपी की विफलता केवल कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं है. सड़कों से लेकर स्कूलों तक हर बुनियादी सुविधा बदहाल है. राज्य की 72% सड़कें मरम्मत की ज़रूरत में हैं, और हर बारिश में कई इलाकों की सड़कें झील में बदल जाती हैं. बीजेपी की नाकामी जैसे अभियानों के ज़रिए आम आदमी पार्टी ने पहले ही सड़कों की बदहाली को मुद्दा बनाया था. जनता ने इस पर जबरदस्त समर्थन दिखाया, अब तक 50,000 से ज़्यादा लोग सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर कर चुके हैं.
आम आदमी पार्टी कहती है कि अब गोवा के लोग ठान चुके हैं, डर नहीं चलेगा, जनराज चलेगा. यह चुनाव किसी पार्टी का नहीं, बल्कि गोवा के भविष्य का है. एक तरफ बीजेपी है, जो डर, जमीन की लूट और गुंडाराज के सहारे सत्ता में बने रहना चाहती है. दूसरी तरफ AAP है, जो शांति, कानून, पारदर्शिता और जनता की ताकत से गोवा को फिर से वही शांतिपूर्ण, सुरक्षित और गौरवशाली राज्य बनाना चाहती है, जिसके लिए वह जाना जाता है.