कोविड वैक्सीनेशन की तेज रफ्तार कायम रखी जाए, NGO की मदद भी लें : पीएम मोदी

देश में 21 जून से कोरोना टीकाकरण का नया दौर शुरू हुआ है, जिसके तहत 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने की जिम्मेदारी भी केंद्र ने अपने हाथों में ले ली है.

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Covid Vaccination का कार्य तेज पकड़ रहा है
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री ने शनिवार को देश में चल रहे कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ इस महाअभियान की तेज रफ्तार आगे भी कायम रखी जाए. वैक्सीनेशन के प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम में गैर सरकारी संगठनों की भी मदद ली जानी चाहिए. प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि देश के 128 जिलों में 45 साल से अधिक उम्र के 50 फीसदी से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. पीएम मोदी को समीक्षा बैठक में अधिकारियों की ओर से यह भी बताया गया कि कोविन प्लेटफॉर्म (CoWIN platform) को लेकर दुनिया भर में रुचि बढ़ रही है. पीएम मोदी ने कोरोना टीकाकरण की गति पर संतुष्टि जताई लेकिन इसका दायरा बढ़ाने को लेकर गैर सरकारी संगठनों की मदद लेने का भी सुझाव दिया. 

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PMO ने कहा कि अधिकारियों ने देश में वैक्सीनेशन को लेकर व्यापक प्रजेंटेशन प्रधानमंत्री के समक्ष दिया. उन्हें अलग-अलग आयु वर्ग के हिसाब से टीकाकरण की जानकारी दी गई. इसमें हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स ( Healthcare workers, Frontline Workers) और आम जनता के टीकाकरण की प्रगति शामिल है. अधिकारियों ने अगले कुछ महीनों में वैक्सीन की आपूर्ति और इसका उत्पादन बढ़ाने को लेकर भी जानकारी साझा की.

पीएम को बताया कि 6 दिनों में 3.77 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई गई है, जो मलेशिया, सऊदी अरब औऱ कनाडा जैसे देशों की कुल आबादी से भी ज्यादा है.पीएम कार्यालय ने 16 जिले तो देश में ऐसे हैं, जहां 45 साल से अधिक उम्र (45+ population) की 90 फीसदी आबादी को कोरोना टीका लग चुका है.

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अधिकारियों ने पीएम मोदी को बताया कि वे राज्य सरकारों के संपर्क में हैं और ऐसे अनूठे तरीकों को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है कि ताकि वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाया जा सके. इस पर प्रधानमंत्री ने एनजीओ और अन्य सामाजिक संगठनों की मदद लेने की बात कही. प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को हिदायत दी कि वे राज्यों के साथ मिलकर ये सुनिश्चित करें कि कोरोना टेस्टिंग की रफ्तार धीमी न पड़ने पाए. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को काबू में रखने की कवायद में टेस्टिंग सबसे बड़ा हथियार है.

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