'लोहड़ी नहीं मनाएंगे, नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे', आंदोलनकारी किसानों का ऐलान

साहनी ने आरोप लगाया कि समिति में किसान आंदोलन का पक्ष लेने वाला कोई है ही नहीं. इसलिए हमारा आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा. उन्होंने कहा, "26 जनवरी को लाखों ट्रैक्टर लेकर किसान दिल्ली में परेड निकालेंगे. हम ये परेड शांतिपूर्ण तरीक़े से करेंगे." उन्होंने कहा, "हम भारत सरकार के किसी भी प्रोग्राम में कोई रूकावट पैदा नहीं करेंगे."

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आंदोलनरत किसानों ने साफ कह दिया है कि वे लोहड़ी नहीं मनाएंगे बल्कि आज तीनों कानून की कॉपियां जलाएंगे.
नई दिल्ली:

आज लोहड़ी (Lohri) है लेकिन पंजाब के किसान इसे नहीं मना रहे. दिल्ली की सीमा पर तीनों नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) की वापसी की मांग पर आंदोलन कर रहे किसानों ने साफ कह दिया है कि वे लोहड़ी नहीं मनाएंगे बल्कि लोहड़ी के दिन तीनों कृषि कानून की कॉपियां जलाएंगे. NDTV से बात करते हुए किसान नेता सतनाम सिंह साहनी ने कहा, "लोहड़ी के त्योहार में आज 12 बजे से हम कृषि क़ानूनों की प्रतियां जलाएंगे."

उन्होंने कहा कि हम कल ही साफ कर चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सामने नहीं जाएंगे क्योंकि समिति के चारों सदस्य सरकार के लोग हैं. उन्होंने सवाल किया कि उनसे हम कैसे उम्मीद करें कि ये पक्षपाती  (biased) नहीं होंगे? साहनी ने कहा, "समिति के एक सदस्य भूपेन्द्र मान किसान नेता है ही नहीं. ये बिलों के पक्ष में रहे हैं, कभी हमारे आंदोलन में आए नहीं." 

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साहनी ने आरोप लगाया कि समिति में किसान आंदोलन का पक्ष लेने वाला कोई है ही नहीं. इसलिए हमारा आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा. उन्होंने कहा, "26 जनवरी को लाखों ट्रैक्टर लेकर किसान दिल्ली में परेड निकालेंगे. हम ये परेड शांतिपूर्ण तरीक़े से करेंगे." उन्होंने कहा, "हम भारत सरकार के किसी भी प्रोग्राम में कोई रुकावट पैदा नहीं करेंगे."

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