कृषि मंत्री ने फिर की किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील, बोले- सरकार बातचीत के लिए तैयार

26 जून को दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन  के सात महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में राजभवन मार्च का ऐलान किया है.

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नई दिल्ली:

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) पिछले सात महीने से चल रहा है. ठंड हो, गर्मी हो या बरसात किसान अपनी मांगों को लेकर अब तक डटे हुए हैं. इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि किसानों को आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए. सरकार कानूनों के किसी भी प्रावधान पर बात करने के लिए तैयार है. किसानों के आंदोलन को आज सात महीने पूरे हो गए हैं.   

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ ही उनकी मांग है कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दी जाए. 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, "मैं सभी किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उनको अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए. भारत सरकार कानून के किसी भी प्रावधान पर बात करने के लिए तैयार है और उसका निराकरण करने के लिए भी तैयार है." 

26 जून को दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन  के सात महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में राजभवन मार्च का ऐलान किया है. इस दौरान किसान राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सभी राज्यपालों/ उप राज्यपालों को सौंपेंगे.  किसान मोर्चा ने इस विरोध मार्च का नाम  "खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस" ​​रखा है. यह विरोध मार्च देश में आपातकाल लागू होने की 46वीं बरसी के एक दिन बाद आयोजित किया गया है.

हाल ही में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि नए कृषि कानूनों से संबंधित प्रावधानों पर किसी भी किसान संगठन से और कभी भी बात करने को तैयार हैं. उन्‍होंने कहा, 'कोई कमी नहीं है, भारत सरकार किसान से वार्ता करने को तैयार है. रिपील (निरस्‍त करने) को छोड़कर एक्‍ट से संबंधित प्रावधान पर कोई भी किसान यूनियन आधी रात को बात करने को तैयार है तो नरेंद्र सिंह तोमर उनका स्‍वागत करेगा.'

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