हरियाणा के सीएम का घेराव करने पहुंचे किसान, करनाल में महापंचायत कर भरी हुंकार

Farmers Protest : करनाल में हरियाणा पुलिस के लाठीचार्ज से किसान बेहद नाराज हैं. किसानों ने एक दिन पहले नूंह में पंचायत भी की थी. किसानों पर लाठीचार्ज के बीच एसडीएम का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वो किसानों का सिर फोड़ने की बात कह रहे थे. 

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Farmers ने किसानों के खिलाफ लाठीचार्ज के खिलाफ अपना आक्रोश जताया
चंडीगढ़:

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों (Haryana Farmers) ने सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana CM Manohar Lal Khattar) का घेराव करने पहुंचे. खट्टर चंडीगढ़ के प्रेस क्लब में प्रेस कान्फ्रेंस करने पहुंचे थे. यह प्रेस कान्फ्रेंस हरियाणा में बीजेपी सरकार के 2500 दिन (BJP 2500 Days) पूरे होने के उपलक्ष्य में रखी गई थी. किसानों ने करनाल में भी महापंचायत (Karnal Mahapanchayat) कर हुंकार भरी. दरअसल, करनाल में हरियाणा पुलिस के लाठीचार्ज से किसान बेहद नाराज हैं. किसानों ने एक दिन पहले नूंह में पंचायत भी की थी. किसानों पर लाठीचार्ज के बीच एसडीएम का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वो किसानों का सिर फोड़ने की बात कह रहे थे.

'किसानों से माफी मांगें हरियाणा के CM', मेघालय के गवर्नर की मांग- SDM को भी करें तुरंत बर्खास्त

गौरतलब है कि करनाल के घरौंदा टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इसमें कई किसान लहूलुहान हो गए थे. इससे नाराज किसानों ने नूंह में महापंचायत कर अपनी ताकत दिखाई थी और सरकार को चेताया था. संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता और कई किसान संगठन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए थे. महापंचायत में भारतीय किसान संघ भी था. इसमें किसान नेता डॉ दर्शन पाल, राकेश टिकैत और बलबीर सिंह राजेवाल और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव भी शामिल हैं.

किसान नेताओं ने जालंधर-दिल्ली हाईवे को 2 घंटे जाम करने की योजना का भी ऐलान किया था. किसान मोर्चा जालंधर के पीएपी चौक पर भी विरोध प्रदर्शन करेगा और इस दौरान अमृतसर और लुधियाना की ओर जाने वाले रास्ते बंद हो सकते हैं. पंजाब में, भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) के प्रमुख जोगिंदर उग्राहां ने कहा कि राज्य में किसान भी दो घंटे के लिए सड़कों और राजमार्गों को जाम करेंगे.

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मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने भी किसानों पर लाठीचार्ज का विरोध किया था और मुख्यमंत्री खट्टर से माफी की मांग की थी. हालांकि खट्टर ने कहा कि किसानों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन का वादा किया था, लेकिन इसकी जगह उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी की. खट्टर ने सफाई दी कि किसी भी संगठन के कार्य में बाधा डालना अलोकतांत्रिक है. जून में मुख्यमंत्री ने किसानों को चेतावनी दी कि किसी के लिए भी अपनी सीमा पार करना अच्छा नहीं होगा.

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