Kisan Aandolan: कृषि कानूनों (Farm laws) को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध टूटने का नाम नहीं ले रहा है. जहां किसान इन कानूनों को रद्द करने से कम किसी भी बात के लिए तैयार नहीं हैं, वहीं सरकार, किसानों की राय लेकर इन कानूनों में सुधारों की बात कर रही है. किसानों का दोटूक अंदाज में कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा. उन्होंने कहा कि किलेबंदी के बाद 'रोटीबंदी' करेगी इसी के विरोध में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने रोटी खाकर प्रदर्शन किया. कहा कि सरकार खाने को तिजोरी में बंद करना चाहती है, इसलिए हम सड़क पर बैठकर खाना खा रहे हैं. राकेश टिकैत ने इस विरोध के लिए जो जगह चुनी वहां पुलिस चेतावनी लिखी हुई थी.
गौरतलब है कि किसान आंदोलन को लेकर हजारों किसानों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर मोर्चा संभाले राकेश टिकैत को दूसरी दलों के नेताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है. शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, रालोद के जयंत चौधरी, हरियाणा के कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा और भीम आर्मी (Bhim Army) प्रमुख चंद्रशेखर आजाद जैसे कई लोग राकेश टिकैत से लेकर किसानों के प्रति सपोर्ट जता चुके हैं.गौरतल है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि कृषि कानूनों को 18 माह तक स्थगित कर किसानों से चर्चा करने का सरकार का प्रस्ताव अभी भी बरकरार है.
जो लाल किला गए, उन पर कार्रवाई हो : किसान नेता