किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ कृषि कानूनों के खिलाफ डटे हुए हैं. हाल ही में राकेश टिकैत ने भावुक होकर दो टूक कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे, लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे. इस दौरान वह मीडिया के सामने फफक कर रो पड़े थे, जिसका वीडियो भी सामने आया. टिकैत के आंसुओं ने आंदोलन को फिर से रफ्तार दी और भारी संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं. राकेश टिकैत की जुबानी सुनिए कि आखिरकार वह क्यों रोये?
राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे खिलाफ... किसानों के खिलाफ षड्यंत्र था. पुलिस को हटाना था... डंडेमार कर हमें हटा देती हम हट जाते, लेकिन पुलिस पीछे और गुंडा आगे. किसान इतना कमजोर नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस बीजेपी के विधायक ने किसानों को फांसी देने की मांग थी उनकी सोच है कि उन्हें राज्यसभा मिल जाए.
किसान नेता टिकैत ने कहा कि पंचायत के बाद काफी लोग आ रहे हैं, लेकिन हमने यहां आने को किसी को नहीं कहा. प्रशासन का अभी सहयोग मिल रहा है. सरकार के साथ बातचीत हो सकती है, बिना सरकार के साथ बातचीत के कोई मांग हमारी पूरी हो सकती है क्या?
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गाजीपुर बार्डर पर अब राकेश टिकैत को समर्थन देने के लिए नेता से लेकर किसान तक पहुंच रहे हैं. राकेश टिकैत को मिल रहे समर्थन के चलते बीजेपी के लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर के खिलाफ पार्टी के अंदर से ही आवाज उठने लगी है. राकेश टिकैत के आंसुओं के चलते अब प्रशासन पीछे हट गया है और हजारों किसानों का जमावड़ा गाजीपुर बार्डर पर लगने लगा है.