कृषि कानूनों के समर्थन में किसानों का समूह नरेंद्र सिंह तोमर से मिला, निरस्त किए जाने पर प्रदर्शन की धमकी दी

Farmers Protest : हरियाणा से किसानों का यह दूसरा समूह है जिसने तोमर से मुलाकात की और कृषि कानूनों के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया. पहला समूह मंत्री से सात दिसंबर को मिला था.

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भारतीय किसान यूनियन (मान) हरियाणा के नेता कृषि मंत्री से मिले
नई दिल्ली:

नये कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जारी प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच हरियाणा से 29 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इन कानूनों के प्रति अपना समर्थन प्रकट करने के लिए शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और इन्हें निरस्त किए जाने की स्थिति में प्रदर्शन करने की धमकी दी. भारतीय किसान यूनियन (मान) हरियाणा के प्रदेश नेता गुणी प्रकाश के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने संसद द्वारा सितंबर में पारित किए गए तीन नये कृषि कानूनों पर तोमर को एक ‘‘समर्थन पत्र'' सौंपा और उन्होंने सरकार से इन कानूनों को बरकरार रखने की मांग की.

प्रकाश ने कहा, ‘‘यदि (नये कृषि) कानूनों को निरस्त किया जाता है तो हम प्रदर्शन करेंगे. हमनें सभी जिलों को एक ज्ञापन दिया है. '' उन्होंने यह जानना भी चाहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को 2014 तक लागू क्यों नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी को प्रदर्शन (Farmers Protest) करने का अधिकार है. उनके पास भी है, इसलिए हम ऐसा करेंगे. हम तीनों कानूनों के समर्थन में हैं लेकिन इस प्रदर्शन का नेतृत्व वामपंथी और हिंसक लोग कर रहे हैं. ''उन्होंने दावा किया कि किसानों का जारी आंदोलन अब किसान आंदोलन नहीं रह गया है. उन्होंने कहा, ‘‘इसने राजनीतिक रंग धारण कर लिया है. किसानों को इन तीनों कानूनों के जरिए असली आजादी मिलेगी. ''

उल्लेखनीय है कि हरियाणा (Haryana) से किसानों का यह दूसरा समूह है जिसने तोमर से मुलाकात की और कृषि कानूनों के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया. पहला समूह मंत्री से सात दिसंबर को मिला था. प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र के बीच हुई छह दौर की वार्ता के दौरान गतिरोध को दूर करने के लिए अब तक कोई सफलता नहीं मिली है. दरअसल प्रदर्शनकारी किसान नये कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि सरकार ने कानूनों में संशोधन करने का एक मसौदा प्रस्ताव उन्हें भेजा था.

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प्रदर्शनकारी किसानों को आशंका है कि नये कृषि कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था को समाप्त कर देंगे और मंडियो को खत्म कर उन्हें बड़े कॉरपोरेट की दया का मोहताज बना देंगे. हालांकि, केंद्र का कहना है कि एमएसपी और मंडी प्रणाली जारी रहेगी तथा यह कहीं और बेहतर तथा और मजबूत बनेगी.

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किसानों का आरोप-सरकार फूट डालने की कोशिश में

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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