दिल्ली (Delhi) में मंगलवार को अराजकता और हिंसा का अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला.किसानों ने दिल्ली के कई स्थानों पर जमकर बवाल काटा और पुलिस से उनकी झड़प हुई.हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. किसानों का एक जत्था लाल किले के भीतर भी पहुंच गया. किसानों को लाल किले में प्रवेश करने से रोकने के लिए तैनात पुलिस वालों से उनकी झड़प हो गयी. समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, एक दर्जन पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को हमलावरों की भीड़ से बचने के लिए, लाल किला परिसर में 15 फुट की दीवार पर हाथापाई करते और अंत में कूदने के लिए मजबूर होते हुए देखा गया.
ट्रैक्टर रैली: किसानों के साथ झड़प में 80 पुलिसकर्मी हुए घायल, अस्पताल में हो रहा इलाज
वीडियो में भीड़ द्वारा पुलिस को लाठियों और डंडों से पीटते हुए देखा जा सकता है. पुलिस के जवान काफी मुश्किल से अपने आप को बचाने का प्रयास कर रहे हैं और अंत में वो नीचे गिर जा रहे हैं. वीडियो देखकर आप हैरान रह जायेंगे कि किस तरीके से किसान पुलिस वालों पर वार कर रहे हैं और वो कैसे अपनी जान बचाने के लिए दीवार पकड़कर घिसटते हुए जवान गिर रहे हैं.
वीडियो में आगे देखा जा सकता है कि हमलावर पीले झंडे लहराते हुए और समानों को फेंकते हुए आगे बढ़कर एक गेट को खोल आगे बढ़ जाते हैं.
बताते चले कि इस हिंसा में लगभग 80 पुलिस के जवान घायल हो गये हैं. जबकि ट्रैक्टर हादसे में एक किसान की मौत हो गई. किसानों की रैली के दौरान हुई हिंसा को स्वराज अभियान के प्रमुख और किसानों के प्रतिनिधि योगेंद्र यादव ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे कोई ऐसा काम न करें जिससे किसान आंदोलन बदनाम हो. उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, 'देश के किसान आंदोलन की इज्जत आपके साथ में हैं. कुछ ऐसा न हो कि किसान आंदोलन को नुकसान पहुंचे.'
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