कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि किसान भारत की ताकत हैं और ‘‘अगर हम उनकी बात सुनें और उनकी बात समझें'' तो देश की कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. राहुल गांधी ने आठ जुलाई को हरियाणा के सोनीपत के मदीना गांव में धान के खेतों की अपनी यात्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया. करीब 12 मिनट के वीडियो में गांधी किसानों और उनके परिवारों के साथ बातचीत करते, खेतों की जुताई करते, धान के पौधे रोपते और बाद में किसानों के साथ खाना खाते हुए दिखे हैं.
कांग्रेस नेता ने शॉर्ट वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘किसान हैं भारत की ताकत. सोनीपत, हरियाणा में मेरी मुलाकात दो किसान भाइयों, संजय मलिक और तसबीर कुमार से हुई. वो बचपन के जिगरी दोस्त हैं, जो कई सालों से एक साथ किसानी कर रहे हैं.''
गांधी ने ट्वीट में कहा, ‘‘उनके साथ मिल कर खेतों में हाथ बटाया, धान बोया, ट्रैक्टर चलाया और दिल खोल कर कई बातें हुईं. गांव की महिला किसानों ने अपने परिवार की तरह प्यार और सम्मान दिया और घर की बनी रोटियां खिलाईं.''
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भारत के किसान सच्चे और समझदार हैं. अपनी मेहनत भी जानते हैं, अपने अधिकार भी पहचानते हैं. जरूरत आने पर काले कानूनों के खिलाफ डट जाते हैं, तो साथ में एमएसपी और बीमा की सही मांग भी उठाते हैं. अगर हम उन्हें सुनें, उनकी बात समझें, तो देश की कई समस्याएं भी सुलझ सकती हैं.''
कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘‘भारत को एकजुट करने में किसानों का बहुत बड़ा योगदान है- उनका उगाया हुआ अनाज देश की हर थाली का हिस्सा है, लेकिन उनकी तपस्या का सही फल और सम्मान नहीं मिलता है.''
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गांधी का वीडियो साझा करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो' यात्रा को आगे बढ़ाते हुए किसानों और कृषि श्रमिकों से मुलाकात की थी. रमेश ने कहा कि गांधी ने किसानों के साथ समय बिताया, उनकी बात सुनी और उनके संघर्षों, समस्याओं और शिकायतों को समझा.
रमेश ने कहा, ‘‘किसानों ने बताया कि उन्हें किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. क्यों खेती करना पहले से ज़्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है. महंगाई की मार से वे किस तरह परेशान हैं. कृषि क्षेत्र में निजीकरण से किसे फ़ायदा हो रहा है?''
कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट किया, ‘‘उन लोगों ने कहा कि उनके भी कुछ सपने हैं. वे भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं. लेकिन सरकार की तरफ़ से कोई मदद नहीं मिल रही है.''
रमेश ने कहा, ‘‘हम किसानों एवं कृषि श्रमिकों के संघर्ष को सलाम करते हैं. हमारा स्पष्ट तौर पर मानना है कि किसान हमारे देश की रीढ़ हैं. हमें उनकी हर बात सम्मान और विनम्रता से सुननी चाहिए.''