किसान नेताओं और सरकार के बीच सोमवार रात करीब 5 घंटे चली बैठक बिना किसी आम सहमति के गतिरोध के साथ खत्म हो गई. बैठक के बाद, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Union Minister Arjun Munda) ने कहा कि बातचीत के जरिए उन्हें किसी समाधान पर पहुंचने की उम्मीद है. प्रदर्शनकारी किसान नेताओं के साथ नए दौर की बातचीत के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि किसानों (Farmer's Protest) के साथ अब तक बातचीत में कोई सफलता नहीं मिली है, लेकिन विवाद के अधिकांश मुद्दों पर व्यापक सहमति बन गई है.
बातचीत से समाधान निकालने पर जोर
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि, "हमने हर मुद्दे पर किसानों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया. सरकार सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रही है, सभी विवादों को बातचीत के जरिए हल करना चाहती है. हमारे बीच विवाद के कुछ अन्य मुद्दों पर व्यापक सहमति पर बनी है, हमने सुझाव दिया कि स्थायी समाधान के हित में एक समिति बनाई जाए." उन्होंने कहा कि विवाद के किसी भी मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री ने पुष्टि की कि केंद्र सरकार सामान्य रूप से किसानों और लोगों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें बनाए रखने के लिए काम कर रहाी है. अर्जुन मुंडा ने कहा कि, "हमें जल्द ही समाधान तक पहुंचने की उम्मीद है. हमारा एकमात्र उद्देश्य किसानों और आम लोगों के अधिकारों और हितों की रक्षा करना है."
किसानों का आज 'दिल्ली चलो' मार्च
वहीं किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार के मन में खोट है. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों की तरफ से ‘दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया गया है. उधर, केंद्र सरकार की तरफ से किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. किसान धीरे-धीरे राजधानी दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं. प्रशासन की तरफ से पूरे दिल्ली की किलेबंदी की गई है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात किया गया है और बॉर्डर को सील कर दिया गया है.
चंडीगढ़ में बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसान संगठनों के साथ गंभीरता से बातचीत हुई. सरकार हमेशा चाहती है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकले.अधिकांश विषयों पर हम सहमति तक पहुंचे लेकिन कुछ विषयों पर हमने स्थाई समाधान के लिए कमेटी बनाने को कहा. कृषि मंत्री मुंडा ने केंद्रीय कैबिनेट सहयोगी पीयूष गोयल के साथ किसान नेताओं के साथ बैठक में केंद्र का प्रतिनिधित्व किया. पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल भी बातचीत में एक पक्ष थे.
किसानों की केंद्र संग बैठक बेनतीजा
बैठक के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में, किसान यूनियन नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी मंगलवार को सुबह 10 बजे योजना के अनुसार दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. उन्होंने कहा, "बैठक काफी देर तक चली, हर मांग पर गहन चर्चा हुई. हालांकि, ये केवल मांगें नहीं हैं, बल्कि सरकार द्वारा अलग-अलग समय पर हमसे की गई प्रतिबद्धताएं हैं. दिल्ली तक हमारा मार्च अभी भी जारी है और हम (मंगलवार को) सुबह 10 बजे राजधानी की ओर बढ़ेंगे.'' किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के समन्वयक सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि विरोध जारी रहेगा क्योंकि सरकार के पास अभी भी किसानों के हित में कोई प्रस्ताव नहीं है.
पंढेर ने सोमवार को एएनआई को बताया, "हम कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर कूच करेंगे. सरकार ने आज की बातचीत के दौरान हमारे सामने कोई प्रस्ताव नहीं रखा, जबकि हमारा विरोध जारी रहा, हमने किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत की. जब भी सरकार हमें बुलाएंगी, हम बातचीत के लिए जाएंगे.''
दिल्ली में सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध
बता दें कि किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा को देखते हुए, दिल्ली पुलिस ने पहले ही एक महीने के लिए शहर में सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों को सीमाओं के पार जाने से भी रोक दिया है.किसानों के विरोध मार्च को देखते हुए दिल्ली के बॉर्डर्स पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
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